रविवार, 18 दिसंबर 2022

जनवरी या फिर अप्रैल में होंगे चुनाव, जानिए भाजपा किस पर लगाएगी दांव


लखनऊ । उत्तर प्रदेश में नगर निकाय के चुनाव हाईकोर्ट के आदेश पर टिके हैं। बीस दिसंबर को फैसला पक्ष में आया तो जनवरी में चुनाव हो सकते हैं। अन्यथा अप्रैल और मई  2023 तक चुनाव टल सकते हैं। सूत्रों की माने तो हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए प्रस्तुत याचिकाओं की 20 दिसंबर को सुनवाई की तिथि तय की गई है तथा आने वाले आदेश का पालन करने के लिए नगर विकास विभाग को समय सीमा बढ़ाने के साथ-साथ कोर्ट का फैसला विपरीत आने पर नगर निकाय के चुनाव को अप्रैल - मई माह में कराने के निर्देश जारी करने की तैयारी की जा रही है। खंडपीठ के सूत्रों ने बताया कि नगर निकाय चुनाव कराने की तैयारी राज्य सरकार द्वारा अभी भी अधूरी है, वहीं सूत्रों के अनुसार आगामी फरवरी 2023 में स्नातक विधान परिषद के चुनाव के लिए जनवरी के तीसरे सप्ताह में अधिसूचना जारी होगी। दूसरी तरफ  विधान परिषद चुनाव संपन्न होने के बाद फरवरी माह के चौथे सप्ताह में शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षाएं 27 मार्च तक चलने की संभावना जताई जा रही है। जिसके बाद ही नगर निकाय के चुनाव को अमलीजामा पहनाया जाएगा। तब तक के लिए नगर निकायों में प्रशासन द्वारा प्रशासक नियुक्त किए जाएंगे।

बीजेपी प्रत्याशियों में शहर से गौरव स्वरूप व राहुल गोयल, श्रीमोहन तायल, राजीव गर्ग कुश पुरी अशोक बाठला पुनीत वशिष्ठ श्रीभगवान शर्मा, शाहपुर से उमेश मित्तल या प्रमेश सैनी, सिसौली से ओमेंद्र सिंह, खतौली से पारस जैन, जानसठ से प्रवेन्द्र भड़ाना व यनेश तंवर आदि प्रत्याशियों के नाम प्रमुख रूप से लिए जा रहे हैं। पुरकाजी, बुढ़ाना, चरथावल, भोकारेहड़ी पर नामों पर विचार किया जा रहा है।

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