मुजफ्फरनगर । जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने एक शिक्षण संस्था द्वारा सरकार 5000 करोड़ की संपत्ति को कब्जामुक्त कराने के लिए कार्यवाही शुरू की है जिसके बाद जनपद भर में हड़कंप की स्थिति है दरअसल वर्तमान में सनातन धर्म के नाम से संचालित जनपद की एक शिक्षण संस्था एसडी कॉलेज एसोसिएशन का एक बड़ा कारनामा सामने आया है जिसमेहृदय स्थली कहे जाने वाले शिव चौक और झांसी की रानी चौंक स्थित एसडी और झांसी की रानी मार्केट की लगभग 5000 करोड़ की संपत्ति की जिला प्रशासन द्वारा जांच कराए जाने पर बड़ा खुलासा हुआ है । जिलाधिकारी का आदेश पर, तहसीलदार सदर, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर, विद्यालय निरीक्षक मुजफ्फरनगर द्वारा जांच कराई गई । जांच के बाद जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने एसडी कॉलेज एसोसिएशन को नोटिस जारी किया है। 1 सप्ताह के अंदर जवाब देने के लिए कहा है वही एसोसिएशन द्वारा जवाब नहीं देने पर समस्त संपत्ति 7 दिन के बाद नगर पालिका में स्वत: निहित हो जाने के निर्देश जारी किए हैं
दरअसल जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह को शिकायत मिली थी कि एसडी कॉलेज की सरकारी जमीन पर बिल्ड़िंग तोड़कर एसडी मार्केट बनाई गई है। इसके अलावा नगर पालिका से कॉलेज के खेल के मैदान के लिए 30 साल की लीज पर ली गई जमीन पर एस डी मार्केट और झांसी की रानी मार्केट बना दी गई। लीज का समय 1982 में पूरा हो जाने के बाद भी वापस नगरपालिका को नहीं दी गई। एसडी कॉलेज एसोसिएशन अवैध रूप से शिक्षण संस्था के लिए ली गई जमीन को व्यवसायिक मार्केट बनाकर धन अर्जित करती रही
जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि मामले की जांच तहसीलदार सदर, जिला विद्यालय निरीक्षक और अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर से कराई
जांच में पाया गया कि नगर पालिका परिषद द्वारा पालिका की सरकारी 0.440 हेक्टेयर जमीन शिक्षण संस्था एसडी कॉलेज एसोसिएशन को शैक्षणिक कार्यों के लिए दी गई थी। जमीन का व्यवसायिक प्रयोग नहीं करने की शर्त लगाई गई थी। जिला विद्यालय निरीक्षक ने रिपोर्ट दी है कि एसोसिएशन ने कॉलेज की बिल्डिंग तोड़ने से पहले कोई अनुमति नहीं ली है। जमीन केवल शिक्षा के प्रयोग के लिए है। अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद हेमराज ने रिपोर्ट दी है कि 12 मई 1952 को नगर पालिका ने कॉलेज को खेल के मैदान के लिए 30 साल की लीज पर आठ हजार वार्षिक दर से जमीन दी थी। जमीन का किराया कभी जमा नहीं किया गया। 1982 में लीज खत्म हो गई। शर्तों में साफ है कि जमीन का व्यवसायिक प्रयोग नहीं हो सकता। लीज पूरी होने के बाद जमीन स्वत: ही पालिका में निहित मानी जाएगी।
जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि एसोसिएशन के लोगों को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह कोई तथ्य प्रस्तुत नहीं कर सके। जांच में सामने आया है कि समस्त जमीन सरकारी है। एक गज जमीन भी एसोसिएशन की नहीं है। यह संपत्ति लगभग 5 हजार करोड़ की है। तमाम बिंदुओं को रखते हुए ईओ नगर पालिका की ओर से एसोसिएशन को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में स्पष्ट कर दिया गया है कि सात दिन में एसोसिएशन अपने पक्ष में कोई साक्ष्य नहीं दे पाती है तो समस्त संपत्ति नगर पालिका में निहित मानी जाएगी। एसडी और झांसी रानी मार्केट के दुकानदार नगर पालिका में किराया जमा करेंगे।
वहीं जिला प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद एचडी मार्केट के दुकानदारों में हड़कंप की स्थि
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