मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने कहा कि जब उन्होंने चार्ज लिया तो पालिका लगभग 16 करोड़ रुपये की कर्जदार थी। जब चार्ज छोड़ रही हूं तो पालिका के खजाने में 71 करोड़ शेष है। आरोप लगाया कि कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने छह माह से काम नहीं करने दिया। उधर, कपिलदेव ने आरोपों पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
अपने कार्यकाल के अंतिम दिन पालिका में पत्रकारों से बातचीत में चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने कहा कि उनके बोर्ड का अस्तित्व 12 दिसंबर 2017 को अस्तित्व में आया था। हमारी पालिका कर्मचारियों का वेतन तक नहीं दे पा रही थी। पालिका पर उस समय 16 करोड़ का कर्ज था। आज कुर्सी छोड़ने पर पालिका के खजाने में 71 करोड़ का बोर्ड फंड छोड़कर जा रही हैं।
उनके मन में कसक यही रह गई कि कार्यकाल के अंतिम पांच-सात माह में विकास का जो प्लान वो लेकर चल रही थी, विरोधियों ने उसको पूरा नहीं करने दिया। दो सभासदों ने शहर के विकास में अड़ंगा डाला। राज्य मंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने प्रशासन पर दबाव बनाकर छह महीने से जिस तरह उन्हें परेशान किया गया सबके सामने है। शहर का विकास होता तो कपिलदेव को भी लाभ होता। भगवान सब देख रहा है जनता के सामने सब कुछ है। पार्टी और जनता ने चाहा तो वह फिर से चुनाव लड़ेगी और जनता की सेवा करेगी।
अंजू अग्रवाल ने ये दस काम गिनाए
- कर्जदार पालिका को यूपी की सबसे अमीर पालिका बना 71 करोड़ खजाना में छोड़े
- कई वर्षों से बकाया पाने को परेशान कर्मियों का 11 करोड़ भुगतान कराया
- कोरोना काल में संक्रमण रोकने को अपने परिवार के सहयोग से खर्च किया
- नगरपालिका के जर्जर सभागार को जीर्णोद्धार कर एसी मीटिंग हॉल बनवाया
- टाउनहाल में पालिका भवन का पूरा सुंदरीकरण
- शहर में 15 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटों को सोडियम से एलईडी में बदलना
- पालिका की आय को बढ़ाकर खर्च कम करने को पेट्रोल पंप को बदलवाना
- टाउनहाल परिसर में महाराजा अग्रसेन का भव्य स्मारक का निर्माण कराना
- भूमि को मुक्त कराकर गरीबों के लिए बारात घर और श्मशान घाट का निर्माण
- पालिका के इतिहास में पहली बार पालिका का कांवड़ शिविर आयोजित कराया
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अंजू अग्रवाल ने बताए दस अधूरे सपने
-पालिका की भूमि पर पालिका का अपना पेट्रोल-सीएनजी पंप लगवाना।
- शहर में गरीबों के कल्याण के लिए पालिका की अपनी एंबुलेंस का संचालन।
- शहरवासियों के लिए दो इलेक्ट्रानिक सिटी बसों का संचालन कराया जाना।
- श्मशान घाट के लिए शवों को सुरक्षित रखने को दो डीप फ्रीजर की खरीद।
- पीस लाइब्रेरी के स्थान पर पालिका की अपनी मल्टीस्टोरी शॉपिंग कॉम्पलैक्स।
- शहर में मजदूरों के बैठने के लिए चार स्थानों पर लैबर सेंटर-कैंटनी निर्माण।
- पालिका की ओर से शहर वासियों की सेवा के लिए अंतिम शव यात्रा वाहन।
- शहर में कूड़ा घरों को समाप्त करते हुए आठ स्थानों पर काम्पेक्टर की स्थापना।
- श्मशान घाट के बाहर सहित अन्य स्थानों पर पालिका की मार्केट का निर्माण।
- कार्यकाल के अंतिम दिन पालिका की बोर्ड मीटिंग बुलाकर विकास की सौगात
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