गाजियाबाद । पुलिस अफसर बनकर लोगों से नौकरी आदि के नाम पर ठगी करने वाले शातिर और उसकी सहयोगी को कविनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी 16 साल से पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को ठग रहा था। ठगी की शुरूआत उसने सिपाही बनकर की और बाद में वह एसडीएम तथा फर्जी आईपीएस तक बना। वर्तमान में वह पुलिस इंस्पेक्टर बनकर लग्जरी गाड़ी में घूमता था और लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनसे रकम ठगता था। आरोपी के कब्जे से इंस्पेक्टर की वर्दी, फर्जी आईडी कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बरामद हुआ है।
एएसपी एवं सीओ सदर निमिष पाटिल ने बताया कि शास्त्रीनगर निवासी सब्जी विक्रेता फूल सिंह ने कविनगर थाने में केस दर्ज कराया था। उनका कहना था कि अमित यादव नाम के इंस्पेक्टर ने बेटे को होमगार्ड बनवाने का झांसा देकर ढाई लाख रुपये हड़प लिए। इतना ही नहीं, नेवी में कार्यरत उनके भाई से भी रिश्तेदार की नौकरी के नाम पर 30 हजार रुपये ले लिए। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी थी। इसी कड़ी में फर्जी इंस्पेक्टर अमित यादव को आत्माराम स्टील चौराहे के पास के गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद फर्जीवाड़े में साथ देने वाली उसकी महिला मित्र राजकुमारी निवासी आकाश नगर मसूरी को भी पकड़ लिया गया। एएसपी के मुताबिक अमित का असली नाम जोगेन्द्र यादव है। वह मूलरूप से थाना सिरसागंज फिरोजाबाद के गांव धौंसाई का रहने वाला है और वर्तमान में कविनगर के गोविंदपुरम इलाके में किराए पर रह रहा था। जबकि राजकुमारी रिटायर्ड पुलिसकर्मी की पत्नी है। जांच में जोगेन्द्र द्वारा धौलाना हापुड़ निवासी नीरज नामक युवक से भी दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर सात लाख रुपए ठगने का मामला सामने आया।
कविनगर एसएचओ अमित काकरान का कना है कि जोगेन्द्र यादव ने खुद को यूपी पुलिस में सिपाही बताते हुए पहली शादी वर्ष 2006 में की। पोल खुलने पर वर्ष 2010 में शादी टूट गई। इस फर्जीवाड़े में मैनपुरी पुलिस ने जोगेन्द्र जेल भेजा था। इसके बाद जोगेंद्र ने मृतक आश्रित दरोगा बता वर्ष 2013 में दूसरी शादी मुजफ्फरनगर निवासी महिला सिपाही से की। जिसकी तैनाती वर्तमान में इटावा चल रही है। सिपाही पत्नी को उसने बताया था कि उसके पुलिसकर्मी पिता और पहली पत्नी की मौत हो चुकी है। की पहली पत्नी और पिताकी मौत हो चुकी है, जबकि दोनों जिंदा थे।
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