मुजफ्फरनगर। चेयरमैन अंजू अग्रवाल की बर्खास्तगी पर हाईकोर्ट ने स्टे देने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कार्रवाई पर शासन से जवाब तलब किया है। इस मामले में अब 21 नवंबर को सुनवाई होगी।
शासन ने चेयरमैन अंजू अग्रवाल को भ्रष्टाचार के एक मामले में पद से हटा दिया था। अंजू अग्रवाल ने कार्रवाई को नियम विरुद्ध बताते हुए उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दायर की है। शुक्रवार को इस मामले में जस्टिस एमके गुप्ता और जस्टिस जयंत बैनर्जी ने इस प्रकरण में सुनवाई की। चेयरमैन अंजू अग्रवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शशि नंदन एवं सीके पारिक ने अदालती बहस की। इन दोनो ने शासन और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा जांच की कॉपी चेयरपर्सन को न दिया जाना गैर कानूनी बताया। चेयरमैन के वकीलों ने स्टे दिए जाने की मांग की। उच्च न्यायालय ने स्टे देने से इंकार करते हुए इस प्रकरण में पूरी कार्रवाई को लेकर शासन से जवाब तलब किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए 21 नवंबर की तारीख सुनवाई के लिए तय की।
चेयरमैन अंजू अग्रवाल के वित्तीय अधिकार शासन ने 19 जुलाई 22 को छीन लिए थे। इसके बाद दस अक्तूबर को उन्हें चेयरमैन के पद से बर्खास्त कर दिया गया।
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