गुरुवार, 3 नवंबर 2022

राकेश टिकैत के बुलेट क्रांति बयान को धर्मेंद्र मलिक ने बताया नक्सली


मुजफ्फरनगर । भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ने बुलेट क्रांति के राकेश टिकैत के बयान पर तीखा हमला करते हुए कहा कि बुलेट में नही,शिक्षा और खेल क्रांति से किसानों का भला होगा।  धमेंद्र मलिक (राष्ट्रीय प्रवक्ता) ने कहा कि नक्सली भाषा बोलने वाले किसान नेताओं से किसान सतर्क रहें। 

आज भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक  के प्रदेश व्यापी आह्वान पर आज किसानो ने जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया । जिसमें सैकड़ों किसान शामिल हुए।पंचायत की अध्यक्षता  ठाकुर धीरसिंह पुंडीर एवं संचालन सुधीर पहलवान ने किया। पंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के अधिकारी किसानों के संबंध में अनाप-शनाप आदेश लखनऊ में बैठकर जारी कर रहे हैं जो धरातल पर संभव नहीं है हम सरकार के निर्णय का विरोध नहीं करते लेकिन किसान की परेशानी को भी देख नहीं सकते। सरकार ने तारबाड़, ट्रैक्टर से परिवहन के संबंध में जो आदेश निर्गत किए हैं वह किसानों की मजबूरी है, आवारा पशुओं जंगली जानवरों के कारण किसान खेती नहीं कर पा रहा किसान तार बाड़ कराने में सक्षम नहीं है मजबूरी में ऐसा करना पड़ रहा है। अधिकारियों ने उन तारों को भी प्रतिबंधित कर दिया है जिससे पशुधन को कोई नुकसान नहीं होता सरकार पशुओं का इंतजाम करें हमें तारबंदी की कोई आवश्यकता नहीं या फिर राष्ट्रीय बांस मिशन से किसानों की  खेत की बाढ़ कराएं,किसान उसके लिए तैयार है।

भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष अंकित चौधरी ने कहा कि सरकार अगर आवारा पशुओं से निजात की गारंटी लेती है तो हमें तार बाढ़ की कोई आवश्यकता नहीं है सरकार ग्राम पंचायत स्तर पर गौशाला खोलकर किसानों को पशुओं से निजात दिलाए।

भारतीय किसान यूनियन के सहारनपुर मंडल अध्यक्ष नीरज पहलवान ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के मामलों में डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर द्वारा कुछ किसानों को पुनर्वास का पैसा नहीं दिया जा रहा है जो किसानों के साथ सरासर अन्याय है जब तक किसानों को पुनर्वास का पैसा नहीं दिया जाता हम रेलवे का काम नहीं चलने देंगे ।इस संबंध में जिलाधिकारी महोदय को अवगत कराया जा चुका है ।जनपद के जिलाधिकारी काम करना चाहते हैं लेकिन नीचे के अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं जिलाधिकारी के आदेशों को भी नहीं माना जा रहा है जिलाधिकारी महोदय कर्मचारियों को रास्ते पर लाए अन्यथा भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ऐसे अधिकारियों को भी ठीक करने का काम करेगी जो जनपद के जिला अधिकारी का आदेश भी नहीं मानते

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि गन्ना उत्पादन में किसानों की 50% लागत बढ़ी है लेकिन सत्र की शुरुआत होने के बावजूद भी सरकार द्वारा गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया गया है ।बीमारी से  गन्ने का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा भी गन्ने के एफआरपी में वृद्धि की गई है उत्तर प्रदेश सरकार भी राज्य के मूल्य   मूल्य में बढ़ोतरी कर किसानों को ₹400 कुंटल का गन्ना मूल्य दिलाए। बजाज शुगर मिल द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है ऐसे चीनी मिल के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर चीनी मिल मालिकों को जेल भेजा जाए ।

हम आज यहां सरकार का ध्यान आकर्षण के लिए इकट्ठा हुए हैं कि किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाए सरकार अगर इस तरफ ध्यान नहीं देती तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। इसके लिए लखनऊ में भी एक महापंचायत का आयोजन किया जाना है

 कुछ किसान नेता भी किसानों को बुलेट क्रांति जैसी बात कर गुमराह कर रहे हैं मेरा किसानों से भी निवेदन है कि अपने बच्चे को शिक्षा क्रांति की ओर ले जाएं बुलट क्रांति से अपने बच्चों को नक्सली बनाना हमारा उद्देश्य नहीं है हम सरकार के खिलाफ पहले से ही संघर्ष करते रहे हैं और इस संघर्ष को हम अहिंसात्मक रूप से आगे बढ़ाएं किसान भी आवारा पशुओं से मुक्ति के लिए नस्लों में सुधार करें और इस तरह की नस्लों का प्रयोग करें जिनका दूध और पुत्र दोनों काम के हो 

जनपद में नस्ल पर काम किया जाना बहुत आवश्यक है लेकिन सरकार द्वारा इसमें कोई योजना नहीं चलाई जा रही है पशुपालन विभाग भी अपना काम नही कर रहा है। जनपद में अच्छी वैरायटी के सीमन उपलब्ध नहीं है जिससे नस्ल सुधार की बजाय गिरावट आ रही है 

इस तरह के कार्य भी किसानों को स्वयं करने होंगे हमेशा सरकार से भीख मांगने से कुछ नही होगा।किसानों को खेती में कृषि विविधीकरण ,पशुपालन में नस्ल सुधार का कार्य करना ही पड़ेगा। मेरा किसानों से आह्वान  है कि जनपद में शिक्षा और खेल क्रांति के लिए कार्य करें 

बुलेट क्रांति हमारा कोई भविष्य नहीं। बच्चो को रोजगारपरक शिक्षा दे। नक्सली विचारधारा से दूर रहे

हम मेहनत के लिए पहचाने जाने वाली किसान कौम है

पंचायत को सुधीर पहलवान तहसील अध्यक्ष बुढ़ाना,कुशलवीर सिंह ब्लॉक अध्यक्ष चरथावल, पवित अहलावत ब्लॉक अध्यक्ष खतौली,सुमित गुज्जर ब्लॉक अध्यक्ष पुरकाजी,शाहबाज त्यागी, आलोक ब्लॉक अध्यक्ष जानसठ, विपिन मेंहदियान तहसील अध्यक्ष जानसठ,नीरज मलिक ब्लॉक अध्यक्ष बघरा,धन्नू अहलावत,राजीव नीटू दुलहेरा प्रभारी पश्चिम उत्तर प्रदेश, देवेंद्र सलारपुर,विनीत त्यागी,गगन,विजित त्यागी, दुष्यंत त्यागी मोहित मलिक ने संबोधित किया। 

अपर जिलाधिकारी प्रशासन को माननीय मुख्यमंत्री जी को संबोधित ज्ञापन दिया गया

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माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी

मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ

द्वारा -जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर

आदरणीय श्री योगी जी

    उत्तर प्रदेश  एक कृषि प्रधान राज्य है।उत्तर प्रदेश की जनसंख्या का दो तिहाई  भाग कृषि क्षेत्र पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष निर्भर है। उत्तर प्रदेश की कृषि  की मुख्य   समस्याओं का समाधान सरकार के प्रयास के बावजूद भी नही हो पा रहा है। जिसका मुख्य कारण जमीनी स्तर पर योजनाओं के  क्रियान्वन में हीलाहवाली है ।उत्तर प्रदेश में कृषि में सार्वजनिक निवेश में गिरावट,परिवहन,भंडारण,विपणन की समस्या,कृषि विविधीकरण का अभाव,कृषि ऋण के लिए बड़ी संख्या का  असंगठित क्षेत्र पर निर्भर होना,नवीन तकनीकी का अभाव,अनुसंधान का  खेत तक न पहुंचना,निम्न उत्पादकता आदि के कारण कृषि क्षेत्र को लाभकारी पेशा  नही जा सका है।  जिसका निदान आपके द्वारा ही संभव है। उत्तर प्रदेश की दो मुख्य फसलें गन्ना और धान है।वर्तमान में दोनो फसलों के किसान चुनौतियों का सामना कर रहे है। धान की तैयार फसल के समय बारिश से  धान की फैसले बर्बाद हो गई है, क्रय केंद्र पर गुणवत्ता का बहाना  कर फसल बेचने में काफी परेशानी हो रही है। गन्ने में बीमारी के कारण फसल की उत्पादकता में 40% कमी की संभावना है। कुछ चीनी मिल समूहों के द्वारा  भुगतान न किए जाने के कारण भी कई जनपदों में किसान परेशानियों का सामना कर रहे है।  उत्तर प्रदेश में इस बार किसानों के सामने भारी समस्या है  भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक आज  दिनांक 2 नवंबर  2022 को उत्तर प्रदेश में जिला मुख्यालयो पर आयोजित धरना प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से निम्न समस्याओं के समाधान की मांग करती है

1 गन्ना किसानों की उत्पादन लागत में वृद्धि को देखते हुए भारत सरकार द्वारा भी गन्ने के एफआरपी में वृद्धि की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी  महंगाई के अनुपात में गन्ने का मूल्य 400 रू कुंतल तय किया जाय 

2 किसानो को धान बेचने में आ रही समस्याओं के कारण उत्तर प्रदेश में सरकारी खरीद केवल 1 फीसदी हुई है। धान खरीद में तेजी लाई जाय। मंडी से बाहर अवैध खरीद पर रोक लगाते हुए कानूनी कार्यवाही की जाय

3 किसानो को खेत में ट्रेक्टर ट्राली से  मजदूर व आसपास तक घरेलू कार्य में भी उपयोग करना पड़ता है। ट्रेक्टर ट्राली के व्यवसायिक उपयोग के नियामन पर किसानो के हितों का ध्यान रखते हुए इससे किसान को बाहर किया जाय

4 उत्तर प्रदेश के किसानों पर  इस बार सुखा व अतिवृष्टि की दोहरी मार पड़ी है। जिसके कारण उत्पादन लागत में वृद्धि के साथ-साथ फसल बर्बाद हुई है। किसानो को भरपाई हेतु बिजली बिल में छूट,कृषि ऋण में ब्याज की राहत,सरकारी देय पर रोक,फसल की बुवाई हेतु निशुल्क बीज दिए जाने जैसे जरूरी कदम उठाए जाय

5 किसानो की फसलों को आवारा पशु व जंगली जानवरों द्वारा बर्बाद किया जा रहा है। किसानो को इनसे निजात दिलाई जाय एवं अन्ना प्रथा पर कानूनी रोक लगाई जाए

6 किसान आवारा पशुओं व जंगली जानवरों से फसल बचाने हेतु खेत की तारबंदी करता है। ऐसे तार जिससे पशुओ को कोई नुकसान नहीं होता,प्रतिबंधित करना सरकार का  गलत निर्णय है। किसानो को तय मानक के तार लगाने की छूट दी जाय।

7 प्रदेश में अमानक बीजों की बिक्री पर रोक लगाई जाए एवं सभी जनपदों में डीएपी खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय

8-ग्रामीण व् कृषि क्षेत्र में निजी व् सरकारी निवेश बढ़ाया जाये।  प्रत्येक जनपद में फूड प्रोसेसिंग की सुविधाओं का विकास किया जाए। 

9-सिंचाई सुविधाओं का तेज़ी से विस्तार के लिए सरकारी नलकूप लागाये जाये, ताकि किसान  का निजी नलकूप का खर्च बच सके व् अनावश्यक जल दोहन रुक सके।

बुंदेलखंड में उड़द, सोयाबीन और मूंगफली की खेती करने वाले किसान पानी व् बिजली की समस्याओं से घिरे रहते है, इसके लिए ठोस प्रबंध किये जाए।

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