मुजफ्फरनगर। कई साल से ठंडे बस्ते में पड़े चर्चित राशन घोटाले के मामले की विवेचना पूर्ण कर अब ईओडल्यू मेरठ ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है। इससे सभी आरोपियों में हड़कंप मच गया। इन आरोपियों में से 2 ने अग्रिम जामनत के लिए आवेदन किया। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। अदालत इससे पहले भी घोटाले में आरोपी 18 राशन डीलर की जमानत खारिज कर चुका है। जिसके कारण राशन घोटालेबाजों के जेल जाने का रास्ता साफ होता दिखाई दे रहा है।
राशन वितरण के लिए शासन की और से लागू की गई बायोमैट्रिक तकनीक का दुरुपयोग कर राशन डीलरों ने करोड़ों रुपये के राशन पर हाथ साफ कर लिया था। जिसके बाद क्षेत्रीय खाद्य अधिकारियों ने अगस्त 2018 में मुजफ्फरनगर के विभिन्न थाना इलाकों में 12 से अधिक मुकदमे दर्ज कराए थे। जांच में सामने आया था कि आधार जांच में वास्तविक लोगों के आधार डाटा एडिट कर अपने परिचितों का डाटा फीड किया गया था। जिसके बाद पात्रों के हिस्से का राशन निकाल लिया गया था। जबकि पात्र लोग राशन पाने से वंचित रह गए थे।
बताया जा रहा है कि शरुआत में राशन घोटालों से संबंधित मुकदमों की विवेचना क्राइम ब्रांच ने की थी। लेकिन बाद में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा मेरठ को ट्रांसफर कर दिया गया था। ईओडब्लू मेरठ ने विवेचना पूर्ण कर एक माह पहले ही कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। लेकिन राशन घोटाले के अधिकांश आरोपी अब तक जेल से जाने से बचते रहे हैं। आरोपियों ने अधिकांश मामलों में हाईकोर्ट से गिरफ्तारी के खिलाफ स्टे ले लिया था। लेकिन अब ईओडब्लू मेरठ ने विवेचना पूर्ण कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की तो आरोपियों के जेल जाने के आसार पैदा हुए।
घोटाले के आरोपी राशन डीलर ब्रजेश रानी खादर वाला, आसिफ खान नार्थ लद्दावाला, रामअवतार लद्दावाला, जयपाल दक्षिणी सिविल लाइन, प्रमोद गुप्ता लद्दावाला, धर्मपाल रुड़की चुंगी एकता विहार, नेहा गोयल काशीराम आवासीय कॉलोनी, किरनपाल लक्ष्मण विहार, शकुंतला देवी गांधी कॉलोनी, अरुणा शर्मा द्वारकापुरी, प्रदीप कुमार खटीकान मोहल्ला कोतवाली नगर, वीरेंद्र सुभाष नगर, रामअवतार कंबल वाला बाग, सलीम बेगम लद्दावाला, अलीहसन लद्दावाला और श्याम लता आदि ने 3 सप्ताह पूर्व कोर्ट में अग्रिम जमानत की गुहार लगाई थी। लेकिन कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
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