लखनऊ। शासन स्तर पर भी कुछ अफसरों को जो जिम्मेदारियां दी गई हैं, वे उसके अनुरूप काम नहीं कर पा रहे हैं। कई जिलों के डीएम की कार्यप्रणाली पर भी उंगलियां उठी हैं। कुछ विभागों के मंत्रियों से भी अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव की नहीं बन पा रही है। यह मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा है। इसीलिए यह माना जा रहा है कि जल्द ही आईएएस अफसरों के व्यापक पैमाने पर तबादले होंगे।
सचिव व विशेष सचिव का काम शासन में देख रहे अफसरों को मंडलायुक्त और डीएम की जिम्मेदारी मिल सकती है। प्रदेश में मौजूदा समय वर्ष 2014 बैच के आईएएस को डीएम बनाया जा रहा है। इस बैच में कुछ अफसर ही बचे हैं। इसलिए यह माना जा रहा है कि वर्ष 2015 बैच वालों को भी डीएम बनने का रास्ता खुल सकता है। राज्य सरकार निकाय चुनाव से पहले बड़ा प्रशासनिक फेरबदल कर सकती है। शासन से लेकर फील्ड स्तर तक के अफसरों के दायित्वों में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। शासन स्तर के कुछ वरिष्ठ आईएएस अफसरों की जिम्मेदारियां कम की जा सकती हैं। कुछ अफसरों के पास जरूरत से अधिक काम है।
राज्य सरकार ने अगस्त और सितंबर में व्यापक स्तर पर आईएएस व पीसीएस अफसरों के तबादले किए थे। इसके बाद से छोटे-मोटे की तबादले हुए हैं। प्रदेश में दिसंबर में निकाय चुनाव होना है। इसके लिए नवंबर के आखिरी सप्ताह तक अधिसूचना जारी होने की संभावना जताई जा रही है। चुनावी प्रक्रिया करीब एक माह तक चलेगी। इस बीच अधिकारियों के तबादले नहीं हो पाएंगे। कई विभागाध्यक्षों ने सचिव और विशेष सचिव की मांग की है। कुछ अफसर पदोन्नति के बाद भी उन्हीं पदों पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा मंगलवार को प्रदेश के 17 पीसीएस अफसर आईएएस बने हैं। इसीलिए इन्हें इनके पद के अनुरूप काम दिया जाना है।
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