मुजफ्फरनगर । जिला विद्यालय निरीक्षक गजेंद्र कुमार ने शिक्षकों एवं प्रधानाचार्य को समय सारणी का पालन करने के निर्देश दिए हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षक गजेंद्र कुमार ने एक बयान में बताया कि उन्होंने अपने विद्यालय निरीक्षण के दौरान प्रायः यह पाया है की कतिपय विद्यालयों में विद्यालय की समय सारणी या तो सही प्रकार से नहीं बनायी गयी होती है या उसका अनुपालन सही प्रकार नहीं किया जा रहा होता है। सामान्य समझ यह है की कठिन विषयों को पहले सत्र में तथा कम कठिन विषयों को मध्यांतर के बाद के कालंशों में रखा जाना चाहिए साथ ही शिक्षक को थकान से बचाने के लिए प्रति दो कालांशों के बाद ख़ाली कालांश दिया जाय। इस समय सारणी में प्रधानाचार्य के भी कम से कम दो अलग अलग कक्षाओं में प्रतिदिन दो पिरीयड होना तथा उनका अनुपालन होना अनिवार्य है । जिला विद्यालय निरीक्षक श्री गजेंद्र कुमार ने बताया कि कुछ प्रधानाचार्य या तो समय सारणी में अपने लिए कालांश लगाते ही नहीं हैं या फिर वो समय सारणी के अनुसार अपनी कक्षाओं में जाते ही नहीं है, ना ही वो अपनी शिक्षक डायरी बनाते हैं और ना ही अपने शिक्षकों से बनवाने का नैतिक बल ही रखते हैं क्योंकि शैक्षिक नेतृत्व कर्ता के रूप में जब वो स्वयं इस कार्य को नहीं करते हैं तो वो अपने अधीनस्थ शिक्षक शिक्षिकाओं से भी ऐसा करने को नहीं कह पाते। यह स्थिति खेदजनक और अस्वीकार्य है। प्रधानाचार्य पहले एक शिक्षक है फिर उसके बाद एक शैक्षिक प्रशासक, प्रधानाचार्य को शिक्षक माने जाने के कारण ही सेवानिवृत्ति के समय उनको भी सत्र लाभ दिए जाने की व्यवस्था है। जिला विद्यालय निरीक्षक श्री गजेंद्र कुमार ने बताया कि समय सारणी कालांश और शिक्षकवाइज़ बनाना ज़रूरी है तथा उसका डिस्प्ले प्रधानाचार्य के कक्ष तथा स्टाफ़ रूम में होना ज़रूरी है। प्रति कक्षा में कक्षा अध्यापक द्वारा अपनी कक्षा की समय सारणी को अलग से डिस्प्ले किया जाना भी आवश्यक है जिससे निरीक्षणकर्ता अधिकारी को यह पूछने की आवश्यकता ही ना रहे की किसी पिरीयड में किस शिक्षक को उस कक्षा में होना चाहिये।
जिला विद्यालय निरीक्षक श्री गजेंद्र कुमार ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि समस्त प्रधानाचार्यगण को निर्देशित किया जाता है की अपने अपने विद्यालयों में समय सारणी की व्यवस्था सही प्रकार कर लें तथा स्वयं भी तथा समस्त शिक्षक कड़ाई से उसका अनुपालन करें। समय सारणी पर शिक्षा सत्र वर्ष अंकित किया जाय, विद्यालय का नाम अंकित किया जाय तथा शिक्षकों के नाम शॉर्ट फ़ॉर्म में लिखें जायें। समय सारणी प्रधानाचार्य एवं ऐकडेमिक प्रभारी( वरिष्ठ अध्यापक) द्वारा दिनांक सहित हस्ताक्षरित होनी चाहिये। जिला विद्यालय निरीक्षक श्री गजेंद्र कुमार ने कहा कि आदेश का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें