सोमवार, 17 अक्तूबर 2022

जिलाधिकारी ने ली अभियोजन कार्यों की समीक्षा बैठक


 मुज़फ्फरनगर। जिलाधिकारी  की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभागर में अभियोजन कार्यों की समीक्षा बैठक आहूत की गई।

 अभियोजन कार्याे की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने निर्देश दिया कि गैंगस्टर एवं गम्भीर प्रकृति के वादों में प्रभावी पैरवी कर अधिक से अधिक दोषियों को सजा दिलायी जाय, उन्होंने पॉक्सो एक्ट में पैरोकार की व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए कहा कि लक्ष्य निर्धारित करते हुए अधिक से अधिक दोषियों को सजा दिलाए जाना सुनिश्चित किया जाए। जिससे अपराधी किस्म के लोगों को यह मैसेज जाये कि छोटा से छोटा अपराध करने पर भी वे सज़ा से बच नहीं सकते हैं।

                  अभियोजन कार्यों की मासिक समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक माह की कार्य योजना बनाते हुए जनपद के टॉप 10 अपराधियों को सजा दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि न्यायालय में साक्ष्य के लिए आने वाले गवाहों से शत प्रतिशत परिक्षित कराया जाय तथा दोषमुक्त मामलों में नियमानुसार अपील की कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाय।

                 बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने मौजूद शासकीय अधिवक्ताओं एवं अभियोजन के अधिकारियों से न्यायालयों में साक्षियों की उपस्थिति और उनके पक्षद्रोही होने के कारणों की समीक्षा की एवं कहा कि समन तामीली समयबद्ध होनी चाहिए। अधिकतम साक्षियों को न्यायालयों के समक्ष परीक्षित कराया जाय। अकारण साक्षियों की वापसी ना होने पाए, यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाए। न्यायालयों में विचाराधीन मामलों में सफल अभियोजन पैरवी कर सजा का प्रतिशत बढ़ाया जाना चाहिए। ताकि न्यायालयों में लंबित पुराने मामलों का निस्तारण शीघ्र हो सके।

अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने बताया कि पॉक्सो एक्ट में समीक्षा करते हुए माह सितम्बर में कुल 21 निर्णीत वादों में से कुल 03 वादों में सजा दिलाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि शासन द्वारा मुख्य रुप से पॉक्सो एक्ट, महिला संबंधित अपराध, गुंडा एक्ट में अत्याधिक गंभीरता के साथ समीक्षा की जाती है इसलिए वादों में पैरवी जटिलता से की जाए एवं मामलो को जल्द से जल्द निर्णीत कराने हेतु अभियोजक विशेष ध्यान दे। उन्होनें बताया कि माह सितम्बर में गैंगस्टर ⁄ हत्या में 02 को सजा दिलायी गयी। सितम्बर माह में गैंगस्टर, डकैती लूट एवं फिरौती जैसे गंभीर प्रवृति के अपराधों में दर्ज वाद की संख्या शून्य रही। इस माह आयी गम्भीर अपराधों में दायर वादों की संख्या से निर्णीत वादों की संख्या अधिक रही जिसके लिए अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह द्वारा समस्त अभियोजकों की प्रशंसा भी की गयी।

बैठक में पुलिस अधीक्षक नगर श्री अर्पित विजयवर्गीय एवं पुलिस अधीक्षक अपराध श्री प्रशान्त प्रसाद एवं समस्त शासकीय अधिवक्ता उपस्थित रहें।

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