इस बार करवा चौथ पर कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। सुबह से ही कृतिक नक्षत्र रहेगा और इसके बाद रोहिणी नक्षत्र शुरू हो जाएगा।यह दोनों की बहुत शुभ माने जाते हैं। इनके साथ सिद्धि योग और प्रबल बनाएगा। इसी दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृष में विराजमान रहेंगे तो अत्यधिक शुभता प्रदान करेंगे। करवा चौथ यानि 13 अक्टूबर को सुर्योदय से लेकर शाम 6 बजकर 41 मिनट तक कृतिका नक्षत्र रहेगा। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र शुरू हो जाएगा। इसी दिन सिद्धि योग भी बन रहा है और चंद्रमा भी अपनी उच्च राशि वृष में रहेंगे। यह पूजा के लिए अत्यंत शुभ योग बना रहे हैं। उन्होंने बताया पूजा का समय शाम 6 बजकर 01 मिनट से 07 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।
कैसे करें पूजा:-
भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय और गणेश जी की रोली, चंदन, अक्षत, पुष्प, नैवेद्य एवं शृंगार के सामान से पूजा करें। करवा चौथ व्रत की कथा करें या सुनें। चंद्र देव के उदय होने पर उनके दर्शन करें और छलनी में पति को देखें। चंद्रमा को अर्ध्य देने के बाद पति को तिलक लगाएं, उन्हें प्रसाद खिलाएं और उनके हाथ से व्रत का परायण करें।
करवा चौथ का आरंभ:-
13 अक्टूबर की रात 1 बजकर 59 मिनट पर।
यह 14 अक्टूबर को रात 3 बजकर 08 मिनट तक रहेगी।
पूजा का मुहूर्त:- शाम 6 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 31 मिनट तक
अवधि 1 घंटा 13 मिनट
करवा चौथ का व्रत सुबह 6 बजकर 32 मिनट से रात 8 बजकर 48 मिनट तक
करवा चौथ को चंद्रोदय :- रात 8 बजकर 48 मिनट पर
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