मुजफ्फरनगर। 32 साल तक ट्रेजरी में खजांची की नौकरी करने वाले दसवीं फेल प्रमोद कुमार को फिर से चपरासी बना दिया गया है। चपरासी से सहायक रोकड़िया और रोकडिया के पद पर प्रमोशन नियम विरुद्ध मिलने के बाद डीएम सीबी सिंह ने प्रमोद कुमार को उसके मूल चपरासी के पद पर भेजे जाने के आदेश दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार जिला कोषागार में सहायक रोकड़िया और रोकड़िया की न्यूनतम योग्यता इंटर कॉमर्स है। ट्रेजरी के अफसरों ने ऐसा खेल किया कि दसवीं फेल चपरासी को ही प्रमोशन देकर पहले सहायक रोकड़िया और फिर रोकड़िया बना दिया। ट्रेजरी में कार्यरत प्रमोद कुमार ने 1979 से प्राइवेट रूप से चतुर्थ श्रेणी का कार्य शुरू किया। 1984 में उसकी चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति कर दी गई। 1991 में इसका प्रमोशन सहायक रोकड़िया और 1999 में रोकड़िया के पद पर कर दिया गया। शहर के रामपुरम निवासी जयप्रकाश ने 10 दिसंबर को मुख्यमंत्री के यहां इसकी शिकायत की। इसके बाद शासन से जांच शुरू हुई। जिला स्तर पर भी जांच के आदेश हुए। जांच में प्रमोद के पास केवल दसवी फेल की ही डिग्री मिली।
डीएम सीबी सिंह ने एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह और शासन से आई जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रमोद कुमार को पुन: चपरासी के पद पर भेजने के आदेश कर दिए हैं। आदेश में लिखा गया है कि प्रमोद कुमार के मौखिक और लिखित में अपने पक्ष में दिए तर्क बलहीन है। नियम विरुद्ध होने के कारण स्वीकार करने योग्य नहीं है। प्रमोद कुमार की पदोन्नति विधि एवं नियम विरुद्ध है। प्रारंभिक मूल पद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर अवनति किए जाने का न्यायोचित आधार है। सहायक रोकड़िया एवं रोकड़िया के पद पर की गई पदोन्नतियां एवं स्थायीकरण के आदेश विधि विरुद्ध होने के कारण निरस्त किए जाते हैं।
डीएम सीबी सिंह ने कहा कि प्रमोद कुमार को उसके मूल चपरासी के पद पर भेज दिया गया है। उसके सभी प्रमोशन और स्थायीकरण निरस्त कर दिए गए हैं। प्रमोद कुमार का रिटायरमेंट 31 जनवरी 2023 को है। दसवीं फेल प्रमोद ने पूरी नौकरी नियम विरुद्ध की। सेवानिवृत्ति के 108 दिन पहले उन्हें मूल चपरासी के पद पर भेजा गया।
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