मुजफ्फरनगर नई मंडी रामलीला भवन में हो रही श्री राम लीला के 9वें दिन मुख्य अतिथि के रुप में पधारे उद्योगपति अरविंद मित्तल अरुण खंडेलवाल मुकेश गोयल पराग गोयल सेक्शन इंजीनियर रेलवे मनोज यादव ने दीप प्रज्वलित व ठाकुर जी की आरती कर लीला का शुभारंभ किया तत्पश्चात सुंदर लीला का मंचन वृंदावन से आई मंडली श्री गिरिराज लीला संस्थान के कलाकारों द्वारा किया गया जिसमें रावण मामा मारीच से मिलने गया तथा उसको कहा कि मामा तुम्हें स्वर्ण मृग बन्ना है और पंचवटी के पास जाना है क्योंकि वहां सीता पंचवटी में रहती है उसको लुभा कर दोनों वनवासियों को सीता से दूर करना है उनके दूर होते ही मैं सीता का हरण कर लूंगा इस पर मारीच ने रावण को समझाता कि तुम यह गलत कर रहे हो पराई स्त्री का हरना गलत है इस पर रावण ने कहां मारीच तुम छह शास्त्र और चार वेदों के ज्ञाता को समझाओ गे कि क्या गलत है क्या सही है तुम अपना काम करो वरना मैं तुम्हारे प्राण हर लूंगा इस पर मारीच ने कहा कि तुम्हारे हाथ से मरने से अच्छा है कि भगवान राम के हाथ से मरू और वह स्वर्ण मृग बनकर पंचवटी के पास पहुंच गया उस स्वर्ण मृग को देखकर सीता जी ने राम जी से कहा देखो यह कितना सुंदर स्वर्ण मृग है यह मुझे चाहिए इस पर भगवान राम ने कहा की स्वर्ण मृग कोई नहीं होता है यह सब माया होती है इसे लेने की जिद छोड़ दो इस पर भी सीता नहीं मानी भगवान राम ने लक्ष्मण से कहा लक्ष्मण तुम यहीं रहना और सीता की देखभाल करना मैं अभी स्वर्ण मृग की खाल लेकर आता हूं और भगवान राम मृग के पीछे जंगलों में चले गए तब काफी देर तक भगवान राम जब आपस नहीं आए तो सीता माता को चिंता होने लगी और उन्हें लक्ष्मण से कहा जाकर अपने भैया को देखो मुझे उनके प्राण संकट में दिखाई देते हैं लक्ष्मण ने काफी मना किया लेकिन सीता के जिद करने पर लक्ष्मण जी को जंगल में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा उन्होंने जाते वक्त सीता माता से कहा कि हे माता मैं यहां लक्ष्मण रेखा खींच देता हूं आप इस रेखा से बाहर मत आना उसके बाद लक्ष्मण जी अपने भाई राम को जंगल में ढूंढने के लिए चले जाते हैं यह अवसर देखकर कपटी रावण साधु का भेष बनाकर पंचवटी पहुंच जाता है और सीता माता से भिक्षा मांगता है जब सीता माता भिक्षा लेकर आती है रावण उसे लेने के लिए आगे बढ़ता है तभी लक्ष्मण जी द्वारा खींची गई रेखा से अग्नि प्रज्वलित हो जाती है और रावण पीछे हट जाता है तब वह सीता से गुहार लगाता है आप मुझे इस रेखा के बाहर आकर भिक्षा दे देवी वरना मैं यहां से बिना भिक्षा के ही जाऊंगा तब सीता माता रेखा पार करके रावण को भिक्षा देने आती है तभी रावण अपने असली रूप में आकर माता सीता का हरण कर लेता है कार्यक्रम में मुख्य रूप से कमेटी के अध्यक्ष संजय मित्तल मंत्री अशोक गर्ग कोषाध्यक्ष आदित्य भर्तियां राजीव अग्रवाल बृजगोपाल झारिया डॉ प्रदीप जैन संजय जिंदल अभिषेक कुच्छल विनीत गुप्ता मनोज मोदी उपेंद्र मित्तल विवेक गर्ग राजेश गोयल कुलदीप शर्मा शरद गोयल अतुल जैन आदि मौजूद रहे
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