नगर निकाय चुनाव की सभी तैयारियां समय से हो पूर्ण : प्रमुख सचिव नगर विकास
मुजफ्फरनगर में खतौली सर्वे पूरा, शहर पालिका के सर्वे में भी तेजी :अपर जिलाधिकारी प्रशासन
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की तैयारियां तेजी से चल रही है। नए और सीमा विस्तार वाले निकायों से वार्डों में रैपिड सर्वे यानी पिछड़ों की गिनती का काम पूरा कराते हुए। 20 अक्तूबर तक पूरा करने का निर्देश दिया है।
लखनऊ। प्रदेश में निकाय चुनाव नवंबर में प्रस्तावित है, लेकिन नए निकायों के गठन और सीमा विस्तार होने की वजह से अभी वार्डों के गठन का काम पूरा नहीं हो सका है। जिन नए निकायों में वार्डों के गठन का काम पूरा हो गया है, वहां पिछड़ों की गिनती का काम जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
वार्ड या सीट आरक्षण के लिए ओबीसी की गणना जरूरी है। इसके आधार पर ही सीटें और वार्ड आरक्षित होते हैं। नगर विकास विभाग चाहता है कि नवंबर के दूसरे हफ्ते तक आरक्षण का काम पूरा कर लिया जाए।
प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात से हमारे विशेष संवाददाता की हुई वार्ता में उन्होंने कहा है कि विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है निकाय चुनाव को लेकर सभी तैयारियां समय से पूरी कराई जाएं। जरूरत के आधार पर अतिरिक्त अधिकारियों को लगाया जाए, जिससे इसमें किसी तरह की देरी न होने पाए
संयुक्त निर्वाचन आयुक्त के अनुसार नगर निकायों में वार्डों में के पुनर्गठन और परिसीमन के बाद रिपोर्ट का इंतजार आयोग के स्तर पर किया जा रहा है। इस रिपोर्ट के आने के बाद मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य शुरू किया जाएगा। नगर निकायों में वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल 5 जनवरी 2023 को समाप्त हो रहा है। इसको लेकर नवंबर-दिसंबर में चुनाव कराए जाने की तैयारी की गई है। वर्ष 2017 में प्रदेश में तीन चरणों में नगर निकाय चुनाव कराए गए थे। 22, 26 और 29 नवंबर 2017 को निकाय चुनाव की मतदान हुआ था । इसी तिथि के आसपास इस बार भी चुनाव कराए जाने की तैयारी है।
पद----------------वर्ष 2017----------वर्ष 2022
1- महापौर प्रत्याशी:------25 लाख---------40 लाख(वार्ड 80 से अधिक)
2- (वार्ड 80 से कम)-----20 लाख---------35 लाख
3- पार्षद नगर निगम------02 लाख ---------03 लाख
4- अध्यक्ष नगर पालिका----06 लाख---------09 लाख(25 से 40 वार्ड)
5- (41 से 55 वार्ड)------08 लाख---------12 लाख
6- सदस्य नगर पालिका ---1.50 लाख--------02 लाख
7- अध्यक्ष नगर पंचायत----1.50 लाख--------2.50 लाख
8- सदस्य नगर पंचायत-----30 हजार---------50 हजार
राज्य निर्वाचन आयोग से प्रत्याशियों के खर्च की व्यय सीमा, जमानत राशि और नामांकन शुल्क निर्धारित कर दिए गए हैं, इसका आदेश प्राप्त हो चुका है। जिला निर्वाचन कार्यालय नवीन आदेशों का अनुपालन करेगा।अभी तक यह राशि छह लाख थी। नगर पालिका परिषदों के सदस्य पद के लिए चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा दो लाख रुपये निर्धारित की गई है, अभी तक यह राशि डेढ़ लाख थी। नगर पंचायत के अध्यक्ष और सदस्य पदों के प्रत्याशियों के लिए भी चुनाव खर्च की सीमा बढ़ाई गई है। अध्यक्ष पद के लिए चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा ढाई लाख रुपये की गई है, जो अभी तक डेढ़ लाख थी। सदस्यों के लिए खर्च की अधिकतम सीमा 50 हज़ार रुपये निर्धारित की गई है, यह राशि अभी तक 30 रुपये थी।इसी तरह नगर पालिका और नगर पंचायतों के प्रत्याशियों के लिए भी खर्च की सीमा बढ़ाई गई है। ऐसे नगर पालिका परिषद जिनके वार्डों की संख्या 41 से 55 के बीच हैं, उनमें अध्यक्ष पद के प्रत्याशी 12 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे। यह राशि अभी तक आठ लाख रुपये थी। जिन नगर पालिका परिषदों में वार्डों की संख्या 25 से 40 है, उन पर अध्यक्ष पद के प्रत्याशी नौ लाख रुपये तक खर्च कर सकते हैं।अब तक यह सीमा 25 लाख रुपये थी। जिन नगर निगम में वार्डों की संख्या 90 है। ऐसे नगर निगम जिनमें वार्डों की संख्या 80 से कम है, उनमें प्रत्याशी 35 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे। यह राशि अभी तक 25 लाख थी। नगर निगम के पार्षद पद के प्रत्याशी चुनाव पर अधिकतम तीन लाख रुपये खर्च कर सकेंगे, यह राशि अभी तक दो लाख रुपये थी।महापौर का चुनाव लड़ने के लिए अब 40 लाख रुपये तक खर्च किए जा सकेंगे। पिछले चुनाव में यह राशि 25 लाख थी। नगर पालिका, नगर पंचायत और पार्षदों के चुनाव में भी चुनाव खर्च की राशि बढ़ाई गई है। संयुक्त निर्वाचन आयुक्त सुधा वर्मा ने जिला प्रशासन को पत्र भेजकर इस बार चुनाव पर खर्च सीमा बढ़ाने की जानकारी दी है। जिन नगर निगमों में 80 या उससे अधिक वार्ड हैं, उन पर महापौर के प्रत्याशी 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे।
वहीं दूसरी ओर मुजफ्फरनगर की दो नगर पालिकाओं की सीमा का विस्तार हुआ था।
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