लखनऊ । सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन करना अब प्रदेश में दंडनीय होगा। शासन ने किसी शव के सम्मानजनक ढंग से अंतिम संस्कार किए जाने को लेकर तैयार की गई एसओपी में स्वजन अथवा किसी संगठन द्वारा शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किए जाने को लेकर सख्त नियम तय किए गए हैं। इसे शव का अपमान माना जाएगा और संबंधित लोगों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई होगी। हाथरस कांड में देर रात पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार किए जाने को लेकर उठे विवाद के बाद हाई कोर्ट के निर्देश पर गृह विभाग ने एसओपी तैयार की है।
एसओपी के अनुसार अब यदि कहीं स्वजन, किसी संगठन व समूह के द्वारा रास्ते अथवा सार्वजनिक स्थान पर शव रखकर अवरोध उत्पन्न करते हैं तो उसे शव का अपमान माना जाएगा। ऐसे मामले में संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई होगी। परिवार को शव सौंपते समय उनसे लिखित रूप से सहमति भी ली जाएगी कि वे शव को पोस्टमार्टम हाउस से सीधे घर लाकर रीति रिवाज के बाद सीधे अंत्येष्टि स्थल पर ले जाएंगे। बीच रास्ते में कहीं भी शव को रखकर भीड़ एकत्रित करने, जाम लगाने अथवा किसी संगठन के सहयोग से धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे।
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