नवरात्रों के दौरान अपने घर के मुख्य दरवाजे पर कुंकुंम से माता के चरण बनाते समय ध्यान रखें कि ये घर के अंदर की तरफ आते हुए होने चाहिए। ऐसा करने से माता की कृपा प्राप्त होती है और घर में धन-वैभव की कभी कमी नहीं होती। कम से कम अष्टमी और नवमी के दिन ये चरण घर के दरवाजे पर अवश्य बनाने चाहिए।
जिस घर में कलशस्थापना की गई हो, वहां घर के स्वामी को नवरात्रि के 9 दिन पूर्ण होते ही कन्या भोजन अवश्य कराना चाहिए। कन्याओं को सम्मानपूर्वक भोजन कराकर अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा भी दें। माना जाता है कि ऐसा करने से देवी प्रसन्न होती हैं और घर के वास्तु दोष दूर होते हैं।
दुर्गा पूजन के लिए अगर आपने अखंड ज्योत प्रज्वलित की हो, तो इसकी दिशा को आग्नेय यानी दक्षिण-पूर्व दिशा की तरफ रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार इससे घर के सभी दोष दूर होते हैं। घर के सदस्यों की बीमारियां ठीक होती हैं और शत्रुओं पर विजय मिलती है।
माता के समक्ष जो दीपक जलाएं उसमें या तो घी डालें या तिल का तेल। घी का दीपक देवी के दाहिने हाथ यानी अपने बाएं हाथ की तरफ रखना चाहिए और तिल के तेल का दीपक देवी के बाएं हाथ यानी आपके दाहिने हाथ की ओर होना चाहिए।
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