मुंह से 84 तरह के घुंघरुओं की आवाज निकालने वाले अहसान के पिता अशवाक अहमद उर्फ घोसनी कव्वाल भी लगभग छह दशक पूर्व दिल्ली रहने लगे थे। उनके साथ अहसान भारती भी दिल्ली जाकर रहने लगे थे। शाहपुर में ही उनका बचपन बीता। अहसान भारती बचपन से ही अपनी जादुई आवाज के लिए मशहूर थे। दिल्ली जाकर अहसान भारती ने अपनी सुरीली आवाज से दिल्ली से लेकर मुंबई तक अपनी आवाज का जादू बिखेरा। मुंबई में अहसान भारती को खूब पहचाना जाने लगे। दुनिया भर में उन्होंने प्रसिद्धि पाई।
अहसान भारती पिछले कई महीनों से बीमार चल रहे थे, लेकिन बुधवार को उनका निधन हो गया। उनके निधन से ना सिर्फ दिल्ली और मुंबई में बल्कि शाहपुर में भी शोक की लहर है। शाहपुर में रहने वाले उनके दोस्त बताते हैं कि अहसान भारती मुहर्रम के मौके पर शाहपुर आया करते थे और रात के वकत संगीत का प्रोग्राम किया करते थे। कव्वाल अहसान भारती घुंघरू वाले के नाम से उनकी पहचान थी। यही नहीं गले से घुंघरू की 84 तरह की आवाज निकालने के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। कस्बे के इस मशहूर कव्वाल के इंतकाल से शोक व्याप्त है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी, स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें सम्मानित किया था।
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