मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन की बक्कल उतार देने तथा गांव में न घुसने देने की तर्ज पर इस बार चुनाव में रालोद व सप समर्थक जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं उससे लग रहा है टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है।
पिछले दिनों कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिससे टकराव बाल-बाल बचा है। पहले मेरठ के छुर गांव में भाजपा प्रत्याशी के साथ बदसलूकी की गई। इसके बाद मुजफ्फरनगर में एक गांव में भाजपा के प्रत्याशी उमेश मलिक के समर्थकों को देखकर नारेबाजी कर उत्तेजित करने का प्रयास किया गया। खतौली क्षेत्र में इसी तरह भाजपा के प्रत्याशी के साथ कई बार इस तरह की हरकतें की गई जिससे माहौल गरमा गया। मजे की बात यह है कि इस तरह की घटनाओं के पीछे तमाम मामलों में राष्ट्रीय लोक दल के समर्थक की शामिल रहे हैं। रालोद सपा गठबंधन के समर्थक
जिस तरह से व्यवहार कर रहे हैं उससे लग रहा है कि आने वाले दिनों में टकराव की स्थिति बन सकती हैं। अभी तक विरोधी दलों के प्रत्याशियों ने काफी संयम का काम किया है और इन उत्तेजक गतिविधियों का कोई जवाब नहीं दिया। इसके बावजूद लगातार इस तरह का माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है जिससे टकराव की स्थिति पैदा हों। ऐसे में प्रशासन लगातार मूकदर्शक बना हुआ है और उसने अभी तक एक भी मामले में कोई कार्यवाही करने की कोशिश नहीं की। ऐसा लगता है कि प्रशासन भी किसी बड़ी घटना की प्रतीक्षा कर रहा है। दूसरी और कुछ लोग चाहते हैं कि उनके खिलाफ जवाबी कार्रवाई की जाए ताकि वह सियापा डालकर राजनीतिक रोना रो सकें।
उत्तेजक बयानबाजी के बीच अमरोहा के सपा प्रत्याशी मुखिया का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कह रहे हैं कि भाजपा विधायक के घर डकैती डालूँगा,16 बार जेल काट चुका हूँ जेल से नहीं डरता,प्रशासन की तो ऐसी की तैसी।
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