रविवार, 7 नवंबर 2021

योगी सरकार की जांच में भी मास्टर विजय सिंह के आरोप सही पाए


मुजफ्फरनगर। भूमाफियाओं व भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले साढे़ 25 सालों से धरने पर बैठे आन्दोलनकारी मास्टर विजय सिंह 8 अप्रैल 2019 को शामली में  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा मे ज्ञापन दिया था। जिस पर मुख्य मंत्री ने डीएम शामली को जांच कर कार्यवाही के आदेश दिये थे। तथा  नरेंद्र मोदी व अमित शाह व  राजनाथ सिंह व अध्यक्ष राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश को भी ज्ञापन दिए थे। दिनाक 20 अक्टूबर 2019 को एस डी एम ऊन ने घोटाला प्रकण की जाच कर रिपोट डीएम को प्रषित की जिस पर डीएम अखिलेश सिंह ने स्वयं गांव चौसाना में जाकर रिपोर्ट का भौतिक सत्यापन किया था। चौसाना में हजारों बीघा सरकारी जमीन की बंदरबांट प्रकरण में तत्कालीन एसडीएम ने डेढ़ साल पूर्व 17 पेज की विस्तृत रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन डीएम ने भौतिक सत्यापन किया था, जिसमें घोटाला सामने आया था। इस प्रकरण के डेढ़ साल बाद भी भू माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद अफसरों ने जांच रिपोर्ट दबा दी। आरोप है कि 22 लाख लेकर जांच रिपोर्ट को दबा दिया गया और भू माफियाओं को बचाने का कार्य किया गया। यदि जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों पर कार्रवाई हो तो हजारों बीघा सरकारी जमीन भू माफिया के कब्जे से मुक्त हो सकती है। 

एसडीएम ऊन सुरेन्द्र सिंह की 17 पेज की विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार चौसाना गांव में पूर्व विधायक ठाकुर जगत सिंह व परिवार द्वारा अपने रिस्तेदारो की जाति बदलकर फर्जी रूप से गम्भीर अनियमितताएं की गई हैं तथा बहारी धनी व्यक्तियों को फर्जी रूप से चौसाना का निवासी दिखाकर सरकारी भूमि का आवंटन किया जाना केवल अपात्रता को ही नहीं दर्शाता बल्कि अभिलेखों को तोड़.मरोड़कर अनुचित लाभ पहुंचाया कर धोखाधड़ी की गई। अनुचित लाभ अर्जित किया है। तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। जगत सिंह द्वारा चकबन्दी प्रक्रिया के दौरान अभिलेखों में काफी हेराफेरी सीलिंग से बचने के लिए और बेनामी नाम दर्ज कराने के प्रकरण सामने आए हैं। जिला पंचायत शामली की 35 करोड़ की सम्पत्ति पर गैरकानूनी कब्जा तथा कन्या पाठशाला की करोडो रूपये की भूमि पर कब्जा करके व राज्य सरकार को काफी क्षति पहुंचाई है।यह प्रकरण शासनादेश के अन्तर्गत एन्टी भूमाफिया के अन्तर्गत आता है। 

25 साल से भ्रष्टाचार के खिलाफ धरने पर बैठे मास्टर विजय सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच कराकर उम्मीद की किरण दिखाई थी, लेकिन भ्रष्ट अफसरशाही ने नेताओं से साठगांठ कर खेल कर दिया। मास्टर विजय सिंह ने मुख्यमंत्री से पुनः गुहार लगाई है कि उन्हें इंसाफ दिलाया जाए। 25 साल की त्याग और तपस्या को जाया न जाने दिया जाए। यदि वह गलत है तो जेल जाने को तैयार है और यदि सही है तो भू माफियाओं पर सख्त कार्रवाई हो। 

रिपोर्ट के अनुसार पूर्व विधायक ठाकुर जगत सिंह ने अपने मामा महेन्द्र सिंह, मदनपाल सिंह, कंवरपाल सिंह को फर्जी रूप से चौसाना निवासी दर्शाकर लगभग 60 बीघे भूमि के पट्टे राजस्व रिकार्ड मे दर्ज कराए जबकि इनके मामा सोना अर्जुनपुर ननौता सहारनपुर के निवासी हैं। बड़े किसान हैं। गांव के प्रधान भी रहे हैं। तथा ओमबीर, सतीश, सोमबीर पुत्रगण हरपाल सिंह के नाम भी लगभग 50 बीघे जमीन फर्जी के पट्टे के रूप में दर्ज की हैं। ये लोग जगत सिंह के भाई भीम सिंह के साले हैं। जनपद सहारनपुर गांव निहालखेड़ी देवबन्द सहारनपुर के रहने वाले हैं बडे किसान हैं। राजपाल व रामकुमार पुत्र कृपाल सिंह को भी निवासी चौसाना तथा इनकी जाति कहार दर्शाकर लगभग 40 बीघे के अवैध पट्टे किए हैं। राजपाल व रामकुमार मूल रूप से थानाभवन के मनठ मन्टी के निवासी हैं जो वर्तमान में सहारनपुर व दिल्ली रहते हैं। राजपाल एक डाक्टर हैं तथा पूर्व विधायक शशिबाला पुंडीर के पति है। रामकुमार दिल्ली में इंजीनियर हैं। जाति से राजपूत हैं तथा बड़े किसान हैं। तथा तस्दीक में इन्हें पट्टा होने की कोई जानकारी नहीं है। ये दोनों जगत सिंह की बहन मायावती के जेठ आदि हैं। विनोद कुमार पुत्र कामसिंहए नेत्रपाल पुत्र ब्रजपाल को भी चौसाना निवासी दर्शाकर अवैध पट्टा किया है। जो मनठ मन्टी के निवासी हैं। नेत्रपाल गन्ना समिति में बाबू हैं। सहारनपुर में निवास करते हैं। नेत्रपाल व विनोद की जाति नाई दिखाई है। जयसिंहए गजेसिंहए साधु लक्ष्मण के नाम भी अवैध पट्टा है जो बाबूराम के मामा हैं। पूर्व विधायक जगत सिंह की बहन मायावती के नाम भी लगभग 40 बीघा जमीन है। इनके नाम अवैध पट्टा किया गया था तथा गजे सिंह पुत्र सलामू की वसीयत भी फर्जी रूप से दर्ज कराई थी। यह भूमि भी बेनामी है। इस भूमि पर ठाकुर जगत सिंह का अवैध कब्जा है। मायावती के नाम 50 बीघा भूमि पर शौरनी की विरासत दर्ज कराई गई है जो अवैध है। मायावती शौरनी की वारिस कानूनन नहीं हो सकती। 

25 साल से भ्रष्टाचार के खिलाफ धरने पर बैठे मास्टर विजय सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच कराकर उम्मीद की किरण दिखाई थी, लेकिन भ्रष्ट अफसरशाही ने नेताओं से साठगांठ कर खेल कर दिया। मास्टर विजय सिंह ने मुख्यमंत्री से पुनः गुहार लगाई है कि उन्हें इंसाफ दिलाया जाए। 25 साल की त्याग और तपस्या को जाया न जाने दिया जाए। यदि वह गलत है तो जेल जाने को तैयार है और यदि सही है तो भू माफियाओं पर सख्त कार्रवाई हो। 

जिला पंचायत की 25 बीघा भूमि पर अवैध कब्जा दर्शाया है जो पूर्व में जिला परिषद के स्कूल की सम्पत्ति थी जिस पर जगत सिंह परिवार के भाई अजीत सिंह ने प्राइवेट प्रबन्ध समिति जयभारत इंटर कालेज स्थापना कर अवैध कब्जा किया हुआ हैं। इस भूमि पर लगभग वर्तमान में 70 दुकानें हैं। राजस्व अभिलेखों में जिला परिषद प्रबन्धक है जिसे फर्जी रूप से अधिकारियों की मिलीभगत से राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी कर दर्ज कराया है। इस भूमि पर ठाकुर जगत सिंह व उनके भाई अजीत सिंह स्कूल प्रबन्धक व पिता बाबूराम संरक्षक का अधिपत्य अनाधिकृत है। रिपोर्ट में जिला पंचायत अधिकारियों की भूमिका पर भी सवालिया निशान लगाए हैं।शामली जनपद के ग्राम चौसाना में ग्राम सभा की सार्वजनिक भूमिए जिला पंचायत के भूमि तथा कन्या पाठशाला की भूमि पर अवैध कब्जा साबित हुआ है। इस सम्बन्ध में 24 अवैध कब्जेधारियों पर जांच जारी है तथा 122 लोगों पर निर्णय लिया जाना बाकी है।

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जिला पंचायत के जूनियर हाई स्कूल की ₹35 करोड़ की भूमि पर कन्या पाठशाला की 2 करोड रुपए की भूमि पर 1 जगत सिंह ने अपने रिश्तेदारों को फर्जी रूप से चौसाना निवासी दिखाकर एउनकी जाति बदल का पट्टे दर्ज करा स्वयं खेती करना। 

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