मंगलवार, 23 नवंबर 2021

मुजफ्फरनगर की छह विधानसभा सीटों पर भाजपा में टिकट बचाने की जंग

 


अभिषेक अहलूवालिया 
सम्पादक 
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर मुजफ्फरनगर जिला अपने आप में एक अलग ही महत्व रखता है। इसकी 6 की 6 विधानसभा सीटों पर हर पार्टी अपनी-अपनी जोर आजमाइश करती है जिसमें सबसे ज्यादा संवेदनशील मुजफ्फरनगर की सदर विधानसभा एवं मीरापुर में खतौली मानी जाती है। परंतु 2013 के दंगों के बाद से बुढ़ाना विधानसभा भी अपने आप में महत्वपूर्ण हो चली है। 2013 के दंगों के बाद से जिले की सभी छह की छह विधानसभा सीटों में धर्म एवं जाति के नाम पर वोटों का बंटवारा होने लगा है। 2013 में समाजवादी पार्टी के शासन में जिले में हुए दंगे के बाद से भाजपा ने 2014 के लोकसभा और फिर 2017 के विधानसभा चुनाव में बंपर वोटों से जीत तय की थी। इसको लेकर भाजपा एवं सपा आज भी अपने-अपने प्रत्याशियों के साथ वोटरों को रिझाने में लगी हुई हैं। अगर बात करें हम मीरापुर विधानसभा सीट की जहां 2017 में हेलीकॉप्टर में सवार होकर आए अवतार सिंह भड़ाना चुनाव जीतकर हेलीकॉप्टर में बैठकर वापस अपने घर चले गए थे। यहां की जनता जमीनी नेता की तलाश कर रही है जिसमें दंगे में अपने पिता एवं दंगे के नाम पर आरोपी बनाए जाने के बाद 21 दिन की जेल के दौरान अपनी माता को खोने वाले मीरापुर विधानसभा के भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी योगेंद्र वर्मा मीरापुर विधानसभा की जनता की पहली पसंद बने हुए हैं वहीं दूसरी ओर खतौली में बात करें तो हाल ही में जिला पंचायत चुनाव हार कर पूर्व जिला अध्यक्ष रह चुके यशपाल पंवार इस बार अपनी किस्मत की आजमाइश कर सकत हैं। वही 2013 के दंगे में नामजद होने के बाद जिला पंचायत सदस्य से विधायक बने विक्रम सैनी के स्थान पर नया चेहरा आ सकता है। बात करें सदर विधानसभा की तो जनता से लेकर कार्यकर्ता तक नाराजगी के बीच सदर विधानसभा के विधायक एवं उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल टिकट बचाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। इस बार पार्टी के हाईकमान सहित जनता भी नए चेहरे की उम्मीद कर रही है। दूसरी और बात करें बुढ़ाना विधानसभा की तो दंगे में नामजद रहे बुढाना विधायक उमेश मलिक विधायक होने के बावजूद भी जनता के बीच में जाकर उनके हर दुख सुख का ख्याल रख रहे हैं। इसे लेकर जनता उमेश मलिक को एक बार फिर बुढ़ाना से विधायक देखना चाहती है। वहीं हाल ही में कोरोना से अपनी जान गवा बैठे चरथावल विधानसभा के विधायक एवं राज्य मंत्री रहे विजय कश्यप के परिवार से उनकी पत्नी सपना कश्यप को पार्टी के कई नेता टिकट दिलाने की जद्दोजहद कर रहे हैं, परंतु पार्टी हाईकमान इस बार नए चेहरे के साथ चरथावल विधानसभा में पारी खेलने की तैयारी में लगी हुई है। सबसे अहम एवं खास सुरक्षित विधानसभा पुरकाजी में भी पार्टी वर्तमान में विधायक प्रमोद ऊंटवाल के स्थान पर नए चेहरे की तलाश में पार्टी के कार्यकर्ताओं का साक्षात्कार कर रही हैं। जिसको लेकर कई दिग्गज नेता टिकट के लिए लगातार क्षेत्र के साथ-साथ लखनऊ के भी चक्कर लगा रहे हैं।

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