शनिवार, 20 नवंबर 2021

गुरू नानक देव के जन्म दिवस पर अहंकारी सरकार की जिद का हुआ पतन :जयंत चौधरी

 



मुजफ्फरनगर। गुरू नानक देव के जन्म दिवस पर अहंकारी सरकार की जिद का पतन हुआ है। ये उन लोगों की हार है, जो लोग इस आंदोलन को किसानों का आंदोलन नहीं मानते थे। वो सोचते थे और कहते भी थे कि ये मुट्ठी भर लोग आखिरकार हमारा क्या कर लेंगे, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि आज पूरी दुनिया इन्हीं मुट्ठीभर लोगों की ताकत को देख रही है। जो लोग किसानों को किसान ही नहीं मानने को तैयार थे, किसानों की एकजुटता के कारण उनका अहंकार टूट गया है। किसानों ने अपने शांतिपूर्ण आंदोलन से इस सरकार के अहंकार को दूर करने का काम कर दिखाया है। कस्बा बघरा स्थित स्वामी कल्याण देव इंटर कालेज के मैदान में आयोजित राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया चैधरी जयंत सिंह ने परिवर्तन संदेश रैली में केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानून वापस लेने के निर्णय को किसानों और सच की जीत बताते हुए कहा कि यह जीत और लड़ाई अभी अधूरी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को झूठ बोलने में माहिर बताते हुए कहा कि अभी इन लोगों से होशियार रहने की आवश्यकता है। इन लोगों ने झूठ के अलावा देश को कुछ भी नहीं दिया है। उन्होंने युवाओं का आह्नान करते हुए कहा कि यदि अधिकार हासिल करने है तो आंदोलनजीवी बनना पड़ेगा। बिना आंदोलन के इस सरकार से कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है।

चरथावल विधानसभा क्षेत्र के बघरा में स्वामी कल्याणदेव इण्टर कॉलेज के मैदान पर शनिवार को आयोजित रालोद की परिवर्तन संदेश रैली को सम्बोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद जयंत चैधरी ने कहा कि शुक्रवार का दिन किसानों का दिन था। उन्होंने कहा कि यह जीत किसानों की है, लेकिन अभी ये जीत अधूरी और लड़ाई भी पूरी नहीं हो पाई है। यह इस अधूरी लड़ाई की शुरूआत है। इस जीत से आंदोलनजीवियों का आत्मविश्वास बढ़ा और इस सरकार ने आंदोलनजीवियों को जीवित करने का काम किया है। आज देश के हर नागरिक को आंदोलनजीवी बनने की आवश्यकता है। उन्होंने युवाओं का छात्राओं का आह्नान करते हुए कहा कि उनको नौकरी और रोजगार चाहिए। सुरक्षा का वातावरण और शिक्षा के बेहतर संसाधन चाहिए तो आंदोलनजीवी बनना पड़ेगा। आंदोलन से ही हमें अधिकार प्राप्त हो सकता है। युवाओं के संघर्ष से ही ऐसी सूट-बूट की सरकार झुकती हैं। उन्होंने कहा कि आज सरकार किसानों के आंदोलन से ही झुकी है। मैंने कई बार, बार-बार पीएम मोदी को समझाया कि मान जाओ, ये किसान हैं किसी भी दम पर पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि मैं समझाता रहा कि आप पीछे हट जाओ, हम तो पैदाइशी जिद्दी हैं, लेकिन यह नहीं माने और आज इनका किसान शक्ति को नमन करना ही पड़ा। यह जीत जुल्मी सरकार की हार का संदेश है। जयंत चैधरी ने कृषि कानून वापसी की जीत को लेकर किसानों को आगाह करते हुए कहा कि इस जीत के बाद इन लोगों से और ज्यादा होशियार रहने की जरूरत हैं। इनकी बातों में नहीं आना है। ये झूठ बोलकर गुमराह करेंगे। किसान आज आंदोलन की राह पर चलकर इन लोगों की नीयत और नीति को भली प्रकार समझ चुका है, ऐसे ही जनता को भी समझने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह धरती स्व. चरण सिंह और स्व. अजित सिंह की कर्म भूमि रही है। चरण सिंह ने पीएम बनकर देश में एक विश्वास जगाया था कि खेती करने वाले किसान का गरीब बेटा भी गांव गली से निकलकर और छोटे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी एक दिन देश के पीएम बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि जनता परिवर्तन का संदेश दे चुकी है। उन्होंने जनता से किसान और गरीब व गांव विरोधी इस सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्नान किया। रैली का संचालन जिलाध्यक्ष प्रभात तोमर ने किया। इस दौरान मुख्य रूप से पूर्व मंत्री चै. योगराज सिंह, पूर्व मंत्री धर्मवीर बालियान, पूर्व विधायक नवाजिश आलम खां, पूर्व विधायक नूरसलीम राणा, पूर्व विधायक राजपाल बालियान, पूर्व ब्लॉक प्रमुख रंजनवीर सिंह, अभिषेक चैधरी गुर्जर, पायल माहेश्वरी, रालोद नेत्री रमानागर, कंवर हसन, नदीम चैधरी, वेदपाल ठेकेदार, ओंकार ठेकेदार, चेयरमैन कृष्णपाल राठी, पराग चैधरी, माधोराम शास्त्री, संजय राठी पूर्व जिला पंचायत सदस्य, कमल गौतम, अश्वनी, मयंक जडौदा, हंसराज जावला सहित हजारों कार्यकर्ता और ऐतिहासिक भीड़ शामिल रही।

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