लखनऊ । एटीएस ने दावा किया है कि अवैध धर्मांतरण में पकड़े गये उमर और मुजफ्फरनगर के फुलत मदरसे के मौलाना कलीम सिद्दीकी के रिश्ते पाकिस्तानी आतंकी संगठन अल कायदा से जुड़ रहे हैं।
इस मामले में एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने दावा किया है कि इस मामले में पूर्व में महाराष्ट्र से गिरफ्तार एडम और कौसर आलम के पास से जो साक्ष्य मिले हैं, उससे पता चला है कि दोनों जिहाद की हिंसात्मक विचारधारा से प्रभावित व पोषित हैं। इसके अलावा कई ऐसे धार्मिक साहित्य जिनका संबंध अल कायदा जैसे आतंकी समूह से रहा है, उनसे भी दोनों का प्रभावित होना पाया गया है। उन्होंने बताया कि जून में धर्मांतरण के बड़े सिंडिकेट का खुलासा हुआ था। मुख्य सरगना मौलाना उमर गौतम और कलीम सिद्दीकी समेत 16 आरोपियों को अलग अलग दिनों में अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया जा चुका है। उमर का बेटा अब्दुल्ला इस सिंडिकेट में शामिल जहांगीर आलम, कौसर व फराज शाह से सीधे व सक्रिय रूप से संपर्क में रहा है।
एडीजी ने बताया कि पूर्व में गिरफ्तार उमर गौतम और कलीम सिद्दीकी के खातों में 79 करोड़ रुपये की फंडिंग के साक्ष्य मिले हैं। इसमें उमर गौतम के खातों से 57 करोड़ और कलीम के खातों से 22 करोड़ रुपये मिले हैं। उमर और कलीम दोनों को ही लगभग एक जैसे संगठनों से ही फंडिंग हुई है। इनके और इनकी संस्थाओं के खातों में ब्रिटेन, अमेरिका व अन्य खाड़ी देशों से भी भारी मात्रा में हवाला व अन्य माध्यमो से पैसों के आने का प्रमाण मिला है।
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