शनिवार, 16 अक्तूबर 2021

भारत को जानो प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरित


मुजफ्फरनगर । होली चाइल्ड पब्लिक इण्टर कॉलेज, जडौदा, मुजफ्फरनगर के सभागार में विद्यार्थियों को संस्कारवान बनाने के लिए एक संस्कारशाला एवं भारत विकास परिषद दिव्य शाखा मुजफ्फरनगर के द्वारा भारत को जानो प्रतियोगिता पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ कार्यक्रम अतिथियों शशिकान्त मित्तल, कमल गोयल, एस0के0 मित्तल, मनोज गर्ग, मामचन्द गुप्ता, स्वामी बह्मानन्द, स्वामी आत्मानंद कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अनिल शास्त्री एवं प्रधानाचार्य प्रवेन्द्र दहिया ने विद्यादायिनी माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जविलत कर किया गया। 

एल0के0 मित्तल ने बच्चों को अपने माता-पिता और गुरूजनों का सम्मान करने की शिक्षा दी और उनके प्रतिदिन चरण स्पर्श करने के लिए प्रेरित किया। शशिकान्त मित्तल ने भारत को जानो नामक पुस्तक को बच्चों के पाठ्यक्रम में जोडने का प्रस्ताव रखा ताकि बच्चे इस पुस्तक को रोजना पढ़े और संस्कारवान बनें। मनोज गर्ग ने अपने संभाषण में बच्चों को सफलता के उच्च शिखर पर पहुंचने के लिए एक मात्र मार्ग मेहनत को बताया। मामचन्द ने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि आप अपने बडे और माता-पिता की आज्ञा का पालन करें। 

उसके बाद भारत को जानो प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्र व छात्राओं जूनियर वर्ग में कनिका चौधरी प्रथम स्थान, वंशिका, मोनू कुमार व अहम गर्ग ने द्वितीय स्थान तथा हर्षित गुलियान, अनमोल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। 

सीनियर वर्ग में भावना धीमान तथा अनम ने प्रथम, नौरीन, आदित्य कश्यप ने द्वितीय स्थान तथा संस्कार चौधरी, पायल धीमान, करीना एवं रूहाना प्रवीण ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। उपरोक्त सभी छात्र व छात्राओं को भारत विकास परिषद दिव्य शाखा के पदाधिकारियों द्वारा उपहार देकर बच्चों का उत्साहवर्धन किया एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की तथा अमृत महोत्सव में मार्शल आर्ट प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तुषार एवं वंश को होली चाइल्ड पब्लिक इण्टर कॉलेज की ओर से मेडल एवं प्रशस्ति पत्र देकर उनके उज्जवल भविष्य की।

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र संस्कारशाला का शुभारम्भ अनिल शास्त्री के सम्बोधन से हुआ, अनिल शास्त्री ने अपने सम्बोधन में बच्चों को सम्बाधित करते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को अपना एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और प्राप्त करने के लिए नित-प्रतिदिन प्रयासरत् रहना चाहिए। उन्होंने बताया हमें अपने आप पर शासन करना चाहिए जो खुद पर शासन नहीं करते वे हमेंशा दूसरे के गुलाम रहते है और कभी मालिक नहीं बन सकते। हमारा जीवन आस-पास के वातावरण के आरम्भ होता है वातावरण से विचार बनते है, विचार आदतें बनाती है और आदतें हमारा चरित्र निर्माण करती है और हमारे चरित्र से हमारा जीवन बनता है। चरित्र दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पूंजी है जिस पर कभी दाग नहीं लगना चाहिए। 

स्वामी ब्रह्मानन्द ने बताया कि जैसे बिना ब्रेक की गाडी व्यर्थ है, उसी प्रकार संस्कारों के बिना हमारा जीवन भी व्यर्थ है, स्वामी ने सत्य को स्वर्ग बताते हुए सत्य को हमेंशा ग्रहण करने पर जोर दिया। स्वामी आत्मानंनद ने बच्चों को अच्छी-अच्छी पुस्तके पढने के लिए प्रेरित किया। मंच का संचालन प्रधानाचार्य प्रवेन्द्र दहिया ने बडे ही सुंदर ढंग से किया। प्रधानाचार्य प्रवेन्द्र दहिया ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों को स्मृति प्रतीक देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सचिन कश्यप, नितिन बालियान, रजनी शर्मा, रीना चौहान, आजाद सिंह, जितेन्द्र कुमार, मनोज कुमार, ललित कुमार, अमित धीमान, सतकुमार, अजीत सिंह आदि का योगदान रहा।



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