मंगलवार, 19 अक्तूबर 2021

सेहत के लिए भी शुभ है चांदनी बरसाती यह रात

 


शरद पूर्णिमा की रात वैज्ञानिक दृष्टि से स्वास्थ्य व सकारात्मकता प्रदान करने वाली मानी जाती है। इस दिन चंद्रमा पूर्ण रूप में पृथ्वी के सर्वाधिक नजदीक होता है। इसकी किरणों में विशेष प्रकार के लवण व विटामिन होते हैं। पृथ्वी के निकट होने के कारण इसकी किरणें सीधे जब खाने-पीने की चीजों पर पड़ती हैं तो उनकी गुणवत्ता बढ़ जाती है।


खीर का महत्व


दूध में लैक्टिक एसिड व अमृत तत्व होता है। यह तत्व किरणों से अधिक मात्रा में शक्ति अवशोषित करने में सक्षम है। इसके अलावा चावल में स्टार्च होता है जिससे यह प्रक्रिया और भी आसान हो जाती है। इसलिए इस दिन खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखना विशेष लाभकारी माना जाता है।


अन्य चीजें


काली मिर्च, घी, बूरा और सूखे नारियल को खोलकर इस रात को चंद्रमा की रोशनी में रखा जा सकता है। इसके अलावा आयुर्वेदिक औषधियों को भी अगर चंद्रमा की रोशनी में रखा जाए तो उनकी गुणवत्ता में भी इजाफा हो जाता है।


इनका करें प्रयोग


इस दिन खीर को चांदी या मिट्टी के बर्तन में रखना चाहिए क्योंकि इनकी प्रकृति ठंडी होती है। इसके अलावा नारियल, बूरा, कालीमिर्च व औषधियों को मिट्टी या कांसे के बर्तन में रखना चाहिए। घी को कांसे के बर्तन में न रखें वर्ना उसमें विषैले तत्व बनने लगते हैं।


ये बातें भी काम की


जिन लोगों की आंखों की रोशनी कम हो या किसी तरह की एलर्जी की समस्या हो वे इस रात चंद्रमा को 5-10 मिनट तक निहारें। इससे आंखों को ठंडक मिलेगी व रोशनी तेज होगी।

अस्थमा के रोगी इस रात जागकर चंद्रमा की रोशनी में बैठें व सुबह ब्रह्ममुहूर्त में रोशनी में रखी गई खीर खाएं। इससे रोग में लाभ होगा। यदि किसी व्यक्ति को त्वचा संबंधी कोई परेशानी है, वह भी चंद्रमा की रोशनी में अधिक से अधिक समय बिताए।

*आप सभी को शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं। शरद पूर्णिमा आज सायं लगभग सात बजे से कल रात्रि ८ बजे तक है। अतः आप दोनों ही दिन शरद पूर्णिमा का उत्सव मनायें व आयुर्वेदिक लाभ उठायें।*

 

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