मंगलवार, 19 अक्तूबर 2021

हरेन्द्र मलिक ने कहा काँग्रेस को अलविदा

 



मुजफ्फरनगर। कांग्रेस के दिग्गज नेता हरेंद्र मलिक ने आज कांग्रेस को अलविदा कह दिया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान को पत्र लिखते हुए कहा कि अपरिहार्य एंव पारिवारिक कारणों से कॉंग्रेस के सभी पदों से त्यागपत्र दे रहा हूँ। वर्तमान में प्रदेश का सियासी माहौल बदल रहा है इसलिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है।

आपको बता दें कि पिछले 20 वर्षों से कांग्रेस के साथ जुड़े पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने आज प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि कांग्रेस की रणनीति को देखते हुए उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया है जल्दी नई पार्टी में शामिल होने की घोषणा खुली पंचायत के जरिए की जाएगी।

दिग्गज राजनीतिज्ञ हरेंद्र मलिक का जन्‍म 15 फरवरी 1954 को मुजफ्फरनगर के काजीखेड़ा गांव में हुआ है। उनके पिता का नाम जगजीत सिंह है। उन्‍होंने मुजफ्फरनगर के डीएवीपीजी कॉलेज से पढ़ाई की है। हरेंद्र मलिक ने एलएलबी की हुई है। उनकी पत्‍नी का नाम राजकुमारी हैं। दोनों के दो बेटे और एक बेटी हैं।

हरेंद्र मलिक ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत रालोद मुखिया अजित सिंह के साथ की थी। उस समय वह जनता दल में थे। हरेंद्र मलिक 1989 में सबसे पहले जनता दल के टिकट पर खतौली से विधायक बने थे। इसके बाद वह लोकदल के टिकट पर मुजफ्फरनगर की बघरा सीट से चुनाव जीते। 1996 में अजित सिंह ने भारतीय किसान कामगार पार्टी बनाई। उसके टिकट पर हरेंद्र मलिक ने बघरा से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। इसके बाद हरेंद्र मलिक समाजवादी पार्टी (सपा) में चले गए। यहां से वह इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) में चले गए और राज्‍यसभा सांसद बने। फिर इन्‍होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस के टिकट पर उन्‍होंने अपने बेटे पंकज मलिक को बघरा से विधायक बनवाया। इसके बाद 2012 में पंकज मलिक फिर शामली से विधायक बने। हरेंद्र मलिक की पहचान पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के मंझे हुए राजनीतिज्ञों में होती है। लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हरेंद्र मलिक का जाना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। माना जा रहा है कि वे जल्द समाजवादी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। 

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