मुजफ्फरनगर । गांव फिरोजपुर बांगर में बंदरों के हमले में घायल महिला शिमला देवी की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि महिला की मौत समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण हुई। परिजनों का कहना है कि घायल महिला को लेकर सरकारी अस्पतालों में भटकते रहे, लेकिन उसे एंटीरेबीज इंजेक्शन नहीं मिल पाया।
भोपा थाना क्षेत्र के गांव फिरोजपुर बांगर में गायत्री धाम कॉलोनी निवासी शिमला देवी (50) 28 अगस्त को घर में ही काम कर रही थी। उसी समय बंदरों के एक झुंड ने महिला पर हमला कर उसके शरीर पर कई जगह काटकर उसे बुरी तरह से घायल कर दिया। महिला के शोर मचाने पर आसपास के लोगों ने बमुश्किल बंदरों को भगाकर महिला को बचाया था। इसके बाद परिजन गंभीर रूप से घायल महिला को मोरना पीएचसी ले गए, जहां उसे प्राथमिक उपचार देकर घर भेज दिया गया। परिजनों के मुताबिक इसके बाद से वे लगातार महिला को एंटीरेबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए मोरना पीएचसी व भोपा सीएचसी लेकर जाते रहे, लेकिन एंटीरेबीज इंजेक्शन नहीं लग पाया।
इसके बाद परिजनों ने प्राइवेट डॉक्टरों से महिला का उपचार कराया, लेकिन एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं लगने से महिला की हालत लगातार बिगड़ती चली गई। रविवार देर रात अचानक हालत अधिक बिगड़ने पर परिजन महिला को बेगराजपुर स्थित मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। महिला की मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। ग्राम प्रधान के पति राजकुमार ने बताया कि गांव में इससे पहले भी विधान, प्रेमो, शिवानी व वंशिका बंदरों के हमले में घायल हो चुकी हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से बंदरों को पकड़वाने व सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाने की मांग की है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें