मुज़फ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में नई मंडी के प्रसिद्ध कारोबारी रघुराज गर्ग के छोटे भाई की एक महिला और उसे साथियों ने फिरौती के लालच में हत्या कर दी थी। अपराधियों ने उनसे काफी रकम भी वसूली थी। जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी और कई दिन बाद उनका शव मिला था। आज इस मामले में 4 अभियुक्तों काजल, मंजीत खोकर, सलेमान, नीरज मिश्रा उर्फ चोटी शर्मा को गैंगेस्टर अधिनियम में भी दोषी मानते हुए सात वर्ष की सज़ा व 20-20 हज़ार रुपये का जुर्माना किया गया, जबकि दो आरोपियों अखिल दत्ता व विजय शर्मा को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया है इस मामले की सुनवाई गैंगेस्टर की विशेष अदालत के जज राधेश्याम यादव की कोर्ट में हुई। अभियोजन की ओर से अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह ने पैरवी की।
अभियोजन के अनुसार वर्ष 2009 को प्रसिद्ध व्यापारी मदन गर्ग का अपहरण, हत्या व सबूत मिटाने के मामले में उम्रकैेद की सजा पाने वाले अभियुक्तों पर पुलिस ने गैंगेस्टर की भी कार्यवाही की थी। व्यापारी मदन गर्ग को रुड़की बुलाकर हत्या के बाद शव को गंगनहर रुड़की में डाल दिया था। बाद में शव नहर से बरामद हुआ था। घटना के संबंध में मृतक के भाई रघुराज गर्ग ने मामला दर्ज कराया था, जो बडा चर्चित रहा था। सभी अभियुक्तों को 7-7 साल का सश्रम कारावास और 20 -20 हजार रुपये जुर्माना से दंडित किया गया था, जिसमें चोटी शर्मा उर्फ नीरज पुत्र पूर्णचंद्र निवासी मटियामहल थाना कोतवाली नगर सहारनपुर, मंजीत पुत्र चरण सिंह निवासी सैनिक कॉलोनी रुड़की हरिद्वार उत्तराखंड, श्रीमती काजल पत्नी अखिल दत्ता निवासी गली नंबर 2 मौहल्ला राजेंद्रनगर कोलागढ़ रोड देहरादून. सुलेमान पुत्र अनवर गाढ़ा निवासी पनियाला, गंगनहर रुड़की हरिद्वार उत्तराखंड व पांचवा अभियुक्त सनी कश्यप पुत्र प्रवीण कश्यप निवासी मोहनपुरी डबल फाटक रुड़की को फरवरी माह में ही कोर्ट द्वारा फाइल पृथक कर 5 वर्ष के सश्रम कारावास और 5000 रुपये जुर्माने से दंडित किया जा चुका था, जबकि विजय शर्मा पुत्र पूर्णचंद्र शर्मा निवासी मटिया महल सहारनपुर और अखिल दत्ता पुत्र अमृतलाल दत्ता निवासी गली नंबर 2 राजेंद्र नगर कौलागढ़ रोड देहरादून को कोर्ट द्वारा गैंग का सदस्य ना पाते हुए दोषमुक्त किया गया।
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