मुजफ्फरनगर । उर्दू डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन के जिलाध्यक्ष कलीम त्यागी की अध्यक्षता में एक मीटिंग मॉडल टाउन में आयोजित हुई, जिसका संचालन सचिव शमीम कससार ने किया।
बैठक में सभी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने लखनऊ विकास प्राधिकरण की इस बात को लेकर कड़ी आलोचना की कि शहीद स्मारक पार्क में विभाग द्वारा लगाए गए साइन बोर्ड में उर्दू की इमला बहुत ही गलत है। उन्होंने कहा कि अगर विभाग में उर्दू अनुवादक की नियुक्ति होती तो यह गलती नहीं होती।
संस्था के संरक्षक डॉ. शमीमुल हसन ने कहा कि इस संबंध में एक ज्ञापन तैयार किया गया है जिसे वीसी प्राधिकरण को भेज दिया गया है। संयोजक तहसीन अली ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लखनऊ जैसी जगह पर गलत उर्दू का इस्तेमाल किया जा रहा है और किसी उर्दू संगठन ने आवाज नहीं उठाई। सचिव शमीम कस्सार ने कहा कि कोषाध्यक्ष बदरूज़ज़्मा खान ने कहा कि अक्सर सरकारी बोर्डों पर ऐसी गलतियाँ देखी जाती हैं, जिससे पता चलता है कि अधिकारी सरकारी आदेश का पालन तो कर रहे हैं, लेकिन उर्दू लिपि से खिलवाड़ भी कर रहे हैं उन्होंने ने कहा कि इन गलतियों को जल्द से जल्द ठीक किया जाना चाहिए। ओसाफ अहमद अंसारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि उक्त बोर्ड का इंटरनेट से अनुवाद किया गया है। उन्होंने मीडिया को साइन बोर्ड की एक कॉपी मुहैया कराई जिस पर शहीद को <सहदयाद> लिखा हुआ है और स्मारक का भी उर्दू अनुवाद नहीं किया गया है। कारी सलीम मेहरबान कासमी ने कहा कि उर्दू को बढ़ावा देने और सरकारी दफ्तरों में उर्दू के इस्तेमाल के लिए हम सभी को आगे आना चाहिए।
बैठक में डॉ. शमीमुल हसन, कलीम त्यागी, तहसीन अली, औसाफ अहमद, बदरूज़्ज़मा खान, शमीम कस्सार, कारी सलीम, मास्टर रईसुद्दीन, मास्टर शहजाद, इंजीनियर नफीस राणा, गुलफाम अहमद, इस्तिखार त्यागी आदि मौजूद थे।
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