टोक्यो। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हाकी टीम की खिलाड़ी वंदना कटारिया ने हैट्रिक बनाकर इतिहास रच दिया।
हरिद्वार के छोटे से गांव की वंदना कटारिया ने ओलंपिक में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी वंदना कटारिया ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रच दिया है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में वंदना ने तीन गोल दागे और टीम को जीत दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई। वंदना ने ओलंपिक में हैट्रिक लगाकर पहली भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी का यह खिताब भी अपने नाम कर लिया है। बता दें कि 1984 के बाद किसी भारतीय ने ओलंपिक में हैट्रिक नहीं लगाई थी। वंदना ने ऐतिहासिक उपलब्धि से दिवंगत पिता को श्रद्धांजलि दी है। अपनी तैयारी के चलते वह पिता के निधन पर भी गांव नहीं आ सकी थीं। वंदना की इस उपलब्धि पर परिजनों, ग्रामीणों और जिले के खेल अधिकारियों में जश्न का माहौल है। बहादराबाद ब्लॉक क्षेत्र के गांव रोशनाबाद निवासी वंदना कटारिया ने पढ़ाई के साथ हॉकी को अपना कॅरियर बनाने के लिए जी जान से मेहनत की है।दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में उन्होंने तीन गोल दागे और टीम की जीत में मुख्य भूमिका निभाई। इसी के साथ वंदना ओलंपिक इतिहास में हाकी में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। 1984 के बाद किसी भारतीय ने ओलंपिक में हैट्रिक नहीं लगाई थी। बता दें कि इससे पहले आखिरी बार 1984 ओलंपिक में पुरुष हाकी खिलाड़ी विनीत शर्मा ने गोल की हैट्रिक लगाई थी। मलयेशिया के खिलाफ मैच में उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की थी और भारत ने मुकाबले को 3-1 से जीता था।
मैच की बात करें तो वंदना के शानदार खेल की बदौलत ही भारतीय टीम ग्रुप ए का अपना आखिरी मुकाबला जीतने में सफल रही और क्वार्टरफाइनल की उम्मीदों को बरकरार रखा। भारतीय टीम ने अपने आखिरी ग्रुप मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से पटखनी दी। इसके साथ ही भारतीय टीम ने टोक्यो ओलंपिक की अपनी दूसरी जीत हासिल की और ग्रुप में चौथे स्थान पर पहुंची।
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