गाजीपुर । भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि एक दिन के लिए बैठक स्थगित होने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है क्योंकि किसान तीन कानूनों को रद्द करने तक दिल्ली सीमाओं को नहीं छोड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बैठक में देरी हो रही है। हम तब तक यहां हैं जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं और कानून को रद्द नहीं कर दिया जाता है। हमें उम्मीद है कि बातचीत के जरिए मामले को सुलझा लिया जाएगा।
कृषि कानूनों पर आज होने वाली सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की बैठक के बारे में पूछे जाने पर टिकैत ने कहा कि किसान सुप्रीम कोर्ट में नहीं गए हैं और उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। टिकैत ने कहा कि कमेटी की पहली बैठक के बारे में हम कुछ नहीं जानते, हम बैठक में नहीं जा रहे हैं। आंदोलन से कोई भी अदालत में नहीं आया। सरकार अध्यादेश के माध्यम से इन कानूनों को लाई और बाद में उन्हें सदन में पेश किया गया। इन कानूनों को ऐसे ही रद्द किया जाना चाहिए, जिस रास्ते से वे आए थे।
वहीं, सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने भी टिकैत की बात का समर्थन करते हुए कहा कि जब तक कानून रद्द नहीं किए जाते, तब तक वे दिल्ली की सीमाओं को नहीं छोड़ेंगे।
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