मुजफ्फरनगर। विश्व के उत्कृष्ट वैज्ञानिकों की सूची में शामिल डॉ. चंद्रशेखर पुंडीर ने कहा कि संस्कृति और संस्कार ही जीवन की अमूल्य संपदा है। विद्यार्थी मौजूदा सदी में शोध के क्षेत्र में आगे आये, ताकि मानव को सुरक्षित और सुखद जिंदगी दे पाए।
गांधी कालोनी में भारतीय योग संस्थान केंद्र पर आर्य समाज द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक, हरियाणा में जैव विज्ञान के प्रोफेसर रह चुके वैज्ञानिक डॉ. चंद्रशेखर पुंडीर ने कहा कि प्रकृति और संशाधनों को जीवनपयोगी बनाने के लिए युवा छात्र-छात्राएं विविध क्षेत्र में शोध को आगे आये। पर्यावरण, पेयजल, खाद्यान और चिकित्सा की नई खोजों से दुनिया सुरक्षित बनेगी। कोरोना वायरस ने जैसे विश्व को चुनौती दी है। पुंडीर ने बताया कि कैसे बिरालसी गांव से प्रारंभ हुए छात्र जीवन को उन्होंने वैश्विक वैज्ञानिक मंच तक पहुँचाया।
वैदिक संस्कार चेतना अभियान संयोजक आचार्य गुरुदत्त आर्य ने कहा कि विश्व की सूची में 245 वीं रैंक हासिल करना डॉ. पुंडीर का शोध के प्रति समर्पण को दर्शाता है। जिले के विद्यार्थी उनसे मार्गदर्शन ले सकते है। उन्होंने साधक-साधिकाओं को यज्ञ, योग, संस्कार और आचरण की महिमा बताई। संयोजक गजेंद्र राणा ने कहा कि डॉ. पुंडीर की उपलब्धि पर जिले को फक्र है। सुभाष चंद गुप्ता, अधिवक्ता मनीष अग्रवाल, सुरेंद्र सिंह मुंजाल, अशोक सिंघल, राजबीर सिंह, इंद्रपाल सिंह बालियान, शरणजीत कौर, अंजू छाबड़ा, प्रमिला गिरधर आदि मौजूद रहे।
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