प्रयागराज। प्रदेश में होने वाले क्षेत्र एवं जिला पंचायत चुनाव में ऑनलाइन नामांकन की सुविधा देने और इसके लिए मौजूदा कानून में संशोधन की मांग में दाखिल याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि याची अदालत से कानून बनवाना चाहता है जो फिलहाल अनुमन्य नहीं है। याची चाहे तो इस मामले को उचित फोरम के समक्ष उठा सकता है। याचिकाकर्ता चाहते है जो सुविधा बिहार चुनाव में मिली है वो सब पंचायत चुनाव में भी मिले।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने गोपाल कृष्ण पांडेय की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया था कि प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव दिसंबर माह में होने की संभावना है। कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार के इस चुनाव में उम्मीदवारों को ऑनलाइन नामांकन की सुविधा दी जाए। क्योंकि परंपरागत नामांकन के कारण भीड़ होने और संक्रमण बढ़ने का खतरा है। साथ ही कोरोना महामारी को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन भी नहीं हो पाएगा। याचिका में यह भी कहा गया था कि ऑनलाइन नामांकन के लिए मौजूदा पंचायत चुनाव कानून में आवश्यक संशोधन भी किए जाएं ताकि ऑनलाइन नामांकन करना संभव हो सके। कोर्ट ने याची की दोनों मांग नामंजूर करते हुए याचिका में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें