मुजफ्फरनगर । वार्ड 32 के सभासद विपुल भटनागर द्वारा नगरपालिका बोर्ड बैठक में चर्चा हेतु अजेंडा में रखने के लिए जनहित के निम्न बिन्दु अधिशासी अधिकारी नगरपालिका को भेजे गए थे। जिनमे शहर में विभिन्न स्थानो पर सड़के तो सही है पर कुछ गड्ढों की वजह से या थोड़ी सी नाली टूटने की वजह से पूरी सड़क टूटने की सम्भावना है अतः per sq feet के हिसाब से एक आम ठेका छोड़ दिया जाए जो सभासद की संतुति पर ठीक करा दिया जाए।
ग्रहक़र व जलकर वर्तमान कर के सापेक्ष घरेलू 5-6 गुना व व्यावसायिक में 30 से 35 गुना हो गया है जिसे बोर्ड में चर्चा हेतु रख कर न्यायसंगत किया जाए।
कोविड के समय व्यावसायिक प्रतिष्ठान व दुकान बंद रही अतः लॉक डाउन अवधि का टैक्स उन पर माफ़ किया जाना चाहिए।
शासन की गाइड्लाइन के अनुसार कर्मचारियों की उपस्तिथी बाइओमेट्रिक मशीनो द्वारा हो।
आवारा पशु जैसे कुत्ते व बंदर के लिए एक बड़ा स्थान चिन्हित कर उन्हें वहाँ बड़े जाल में रखा जाए व देखभाल लिए वहाँ मंदिर की स्थापना हो।
परंतु अधिकारियों कर्मचारियों की हटधर्मिता व तानाशाही रवैए के कारण इस बोर्ड बैठक में उक्त बिंदुओ को नहीं रखा गया।
नगरपालिका एक प्राइवट लिमिटेड कम्पनी की तरह कार्य कर रही है जिसमें जनता तो छोड़ो सभासद तक जनभावनाओ को बोर्ड में चर्चा के लिए नहीं रख सकते .. मैं इसकी घोर निंदा करता हूँ।
आम जनता को भी इसका विरोध करना चाहिए नहीं तो कई गुणे टैक्स देने के लिए तैयार रहना चाहिए।
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