बुधवार, 4 नवंबर 2020

नहीं खुल पाया इमरान की मौत का रहस्य, परिवार को मिलेंगे 50 लाख

मुजफ्फरनगर । दो दिन पूर्व असम में गोली लगने से मारे गए आर्मी के जवान इमरान की मौत कैसे हुई, यह रहस्य बना हुआ है। शव सुबह हरसौली पहुंचा तो परिजनों के साथ ही वहां एकत्र हजारों लोगों ने मृतक जवान को शहीद का दर्जा दिए जाने तक शव को दफनाने से इंकार कर दिया। लगभग छह घंटे से भी अधिक समय तक चले हंगामे के बाद एसडीएम सदर ने आश्वासन दिया कि मृतक के परिजनों को आर्मी की ओर से करीब 50 लाख रुपए की धनराशि मिलेगी तो मृतक के शव को नमाज के बाद सुपुर्दे खाक किया गया।


शाहपुर क्षेत्र के गांव हरसौली निवासी इमरान पुत्र ताहिर का दो दिन पूर्व असम के सिक्कम इलाके में गोली लगने से मौत की सूचना परिजनों को दी गई थी । इसके बाद उसकी मौत के कारणों को लेकर कयासबाजी चल रही थी। सैन्यकर्मी इमरान का शव सेना के ट्रक में सुबह आठ बजे कस्बे के राष्ट्रीय इंटर कॉलिज पर पहुचा। यहां पर पहले से ही मौजूद सैकड़ो वाहनों पर हजारों लोगों की भीड़ ने शव पहुंचते ही शहीद इमरान अमर रहे के नारे लगाए। मृतक सैन्यकर्मी के पार्थिव शरीर पर यहां श्रद्धांजलि देते हुए विशाल यात्रा के साथ शव को गांव हरसौली में सैनिक के आवास पर ले जाया गया। इस दौरान शव के साथ आए आर्मी के सूबेदार व सैनिको ने शव को आवास पर उताकर शव को दफनाने की बात कही। इस दौरान आर्मी के अधिकारी सैनिक ने सैनिक के परिजनों से मिलकर उनको आर्मी द्वारा मिलने वाली सहायता को लेकर कागजी कार्यवाही पूरी करने की बात कही। हरसौली में सैन्यकर्मी इमरान को शहीद बताते हुए भीड़ में शामिल सैकड़ों लोगो की भीड़ ने शव दफनाने से साफ इंकार करते हुए आर्मी व सरकार से सैनिक इमरान को शहीद का दर्जा देने की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया। हंगामे के दौरान भारी पुलिस फोर्स के अलावा भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत, केंद्रीय मंत्री के भाई विवेक बालियान, पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक, पूर्व एमएलसी मुश्ताक चौधरी, पूर्व राज्यमंत्री योगराज सिंह, पूर्व राज्यमंत्री मुकेश चौधरी, सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी, पूर्व विधायक नवाजिश आलम व नूरसलीम राना, जिला पंचायत सदस्य धीरेंद्र सिंह, अतहर अली, इरशाद सावटू्, भाजपा नेता विजय चौधरी आदि काफी संख्या में राजनेता व आसपास के गावों के प्रधान, बीडीसी सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पद के दावेदार रहे। पूर्व एमएलसी चौधरी मुश्ताक ने कहा कि सरकार सैनिक इमरान को शहीद का दर्जा देकर शहीद के परिवार को मिलने वाली सभी सहायताओं को दे। करीब छह घंटे तक इसे लेकर हंगामा चलता रहा। शव के साथ आए सेना के सूबेदार व अन्य लोगों से नेताओं ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि दिल्ली में सलामी के बाद ही शव को यहां भेजा गया है। शाम करीब चार बजे एसडीएम सदर दीपक कुमार ने आश्वासन देते हुए बताया कि आर्मी की ओर से सैन्यकर्मी इमरान के परिजनों को करीब 50 लाख की सहायता राशि दी जाएगी। इस आश्वासन के बाद हरसौली के इंटर कॉलिज में हजारों लोगों की भीड़ ने नमाज अदा कर सैनिक के शव को गांव के कब्रिस्तान में दफनाया गया।


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