मुज़फ्फरनगर । भोपा थाना क्षेत्र के गाँव बिहारगढ़ मे स्थित हज़रत ख़्वाजा खुशहाल मियां की चिल्लाहगाह पर बुधवार को प्रशासन ने कार्रवाई शुरू करते हुवे पुरानी इमारत को गिराने का कार्य शुरू कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार भोपा थाना क्षेत्र के ग्राम बिहारीगढ़ में प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग मुज़फ्फरनगर सूरज सिंह के निर्देशन में हज़रत ख़्वाजा खुशहाल मियां की चिल्लाहगाह की इमारत को जे सी बी मशीन द्वारा गिराने का कार्य भारी पुलिस बल के बीच गिराने का कार्य आरंभ किया गया।वन विभाग द्वारा चिल्लाहगाह को वन भूमि में बताते हुवे वर्षों से कार्रवाई जारी है बुधवार को चिल्लाहगाह पर कार्रवाई की गयी वहीं चिल्लाहगाह के प्रबंधक सज्जादा सूफी जव्वाद ने बिल्डिंग पर स्टे होने की जानकारी दी है वहीं पिरानी नाज़िया आफरीदी ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों से बिल्डिंग तोड़ने का विरोध किया व धार्मिक स्थल को तोड़ना गैर कानूनी बताते हुवे बल पूर्वक अनुचित कार्रवाई करने की बात बताई है । जानकारी के मुताबिक भोपा थाना क्षेत्र अंतर्गत गंगा खादर के गांव बिहारगढ़ में पीर खुशहाल द्वारा वन विभाग की जमीन पर किए गए अवैध कब्जे पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की। एडीएम आलोक कुमार, डीएफओ सूरज कुमार बुधवार को भारी पुलिस बल और जेसीबी के साथ बिहारगढ़ पहुंचे। इस दौरान अधिकारियों ने वहां बनाए गए पीर खुशहाल के चिल्ला गाह को ध्वस्त कर जमीन को कब्जा मुक्त कराने की कार्रवाई की। कई दशक पहले पीर खुशहाल ने वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर चिल्ला गाह का निर्माण किया था।
भोपा थानाक्षेत्र के गांव बिहारगढ़ में वन विभाग की भूमि को पीर खुशहाल के परिजनों से मुक्त कराने के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने डीएम को पत्र लिखा था। पट्टे की अवधि वर्ष 2005 में समाप्त हो चुकी है। डीएम ने संबंधित अधिकारियों को से मामले की पत्रावली तलब की थी। केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे को भेजे गए पत्र में बताया था कि भोपा थाना क्षेत्र के गांव बिहारगढ़ में वर्ष 1975 में वन विभाग द्वारा खसरा नंबर 353,354 की 6.62 हेक्टेयर जमीन सूफी मोहम्मद खुशहाल पुत्र बहादुर खां को पट्टे पर दी गई थी। पट्टे की अवधि 31 दिसंबर 2005 को समाप्त हो गई थी। पट्टाधारक पीर खुशहाल की भी मृत्यु हो चुकी है और हाईकोर्ट से भी पीर खुशहाल के परिजन मुकदमा हार चुके हैं। बावजूद इसके पीर खुशहाल के परिजनों ने उक्त जमीन को खाली नहीं किया है। इससे पूर्व भी कई बार वन विभाग व पुलिस अधिकारी वहां पर नोटिस चस्पा कर चुके हैं। केंद्रीय मंत्री के पत्र का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने संबंधित पत्रावली तलब की थी।
वन विभाग की भूमि पर मरहूम खुशहाल मियां द्वारा रहने के लिए रिहायशगाह, मस्जिद और चिल्लागाह बना है। इसके अलावा पीर साहब व बाबा भूरे बाबा की मजार बनी हुई है। इसके अलावा दूर दराज क्षेत्रों से आने वाले लोगों के रहने ठहरने के लिए अनेक कमरे बनाए गए हैं। इसके अलावा कई बीघा भूमि पर खेती बाड़ी होती है। केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान की ओर से डीएम को पत्र भेजने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया था। डीएम के निर्देश पर वन विभाग ने उक्त जमीन पर अपना अधिकार जताते हुए बोर्ड लगा दिया था। हालांकि उक्त जमीन को खाली कराने के लिए पूर्व में पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रयास किए, लेकिन हर बार कदम पीछे खींचने पड़े थे।
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