लखनऊ । शहरी सीमा विस्तार में प्रभावित हुई ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की इजाजत सरकार ने दे दी है। इसके तहत 42 जिलों की पूरी तरह से शहरी सीमा में शामिल हुई पंचायतों से पंचायती राज विभाग का नाता खत्म हो गया है। अब आंशिक रूप से शहरी सीमा में गई पंचायतों का पुनर्गठन किया जाएगा। वहीं शहरी सीमा में पूर्ण रूप से शामिल हुई पंचायतों के विकास की जिम्मेदारी अब नगर विकास विभाग की होगी।
शहरी सीमा विस्तार के तहत प्रदेश के 42 जिलों की ग्राम पंचायतें प्रभावित हुई थीं। इनमें से 655 पंचायतें तो पूर्ण रूप से शहरी सीमा में शामिल हो गई थी। जबकि करीब 170 ग्राम पंचायत व राजस्व गांव आंशिक रूप से नगर निगम, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत में शामिल हुए थे। इन सभी ग्राम पंचायतों में विकास सात माह से ठप पड़ा था। पुनर्गठन की प्रक्रिया न होने से आंशिक रूप से शहरी सीमा में शामिल हुई पंचायतों में पंचायत की मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य भी लटका पड़ा था।
पुनर्गठन की प्रक्रिया के तहत आंशिक रूप से बचे राजस्व गांवों की जनसंख्या अगर 1000 हजार से कम है तो उन्हें पास की ग्राम पंचातयों में शामिल कर दिया जाएगा। अगर जनसंख्या अधिक है तो पंचायत के रूप में उनका अस्तित्व बरकरार रहेगा। उपनिदेशक (पंचायत) आरएस चौधरी बताते हैं कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करके पुनर्गठन का कार्य किया जाएगा। इसमें सीडीओ व अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत सचिव होंगे। जबकि डीपीआरओ को सदस्य सचिव नामित हैं।
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