गुरुवार, 15 अक्टूबर 2020

सावधान : हर खेत पर है सेटेलाईट की नजर

मुजफ्फरनगर । उप कृषि निदेशक ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा फसलों के अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के सम्बन्ध मे निरन्तर दिशा निर्देश जारी किये जा रहे हैंं । इसके अनुसार सैटेलाईट के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार फसलों के अवशेष /पराली जलाने की घटनाओं मे उत्तरदायी सम्बन्धित व्यक्तियो के खिलाफ प्रचलित कानून के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी एवं सम्बन्धित खेतो पर जिसमे संचालित किया गया है कम्बाइन को तत्काल सीज करते हुए उनके संचालक के खिलाफ कडी कार्यवाही की जायेगी। पराली/फसल अवशेष जलाये जाने की घटना पाये जाने पर सम्बन्धित को दण्डित करने के सम्बन्ध मे राजस्व अनुभाग-10 के शासनादेश संख्या 1618/01.09.17-रा-9 दिनांक 13 नवम्बर 2017 द्वारा क्षतिपूर्ति की वसूली एवं पुनरावृत्ति होने पर सम्बन्धित के विरूद्व अर्थदण्ड लगाये जाने के सम्बन्ध मे दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगीः। कृषि भूमि का क्षेत्रफल 02 एकड से कम होने की दशा मे अर्थ दण्ड रू0 2500.00 प्रति घटना, कृषि भूमि का क्षेत्रफल 02 एकड से अधिक किन्तु 05 एकड तक होने की दशा मे अर्थ दण्ड रू0 5000.00 प्रति घटना तथा कृषि भूमि का क्षे़त्रफल 05 एकड से अधिक होने की दशा मे अर्थ दण्ड रू0 15000.00 प्रति घटना पाये जाने पर दण्डात्मक कार्यावाही की जायेगी। कृषि विभाग द्वारा जनपद मे कृषि यन्त्रीकरण योजना के अन्तर्गत स्थापित किये गये फार्म मशीनरी बैंक तथा कस्टम हायरिंग सैन्टर मे फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु वितरित किये गये उपयोगी यन्त्र यथा मल्चर हैप्पी सीडर, रोटरी स्लेशर, पैडी स्ट्रा चैपर एवं रिवर्सेबल एम0बी0प्लाउ आदि अनुदानित यन्त्र किराये हेतु उपलब्ध है। जनपद के कृषको द्वारा पराली/फसल अवशेष जलाने के स्थान पर पराली प्रबन्धन हेतु उपलब्ध यन्त्रो का उपयोग किया जाये। जिससे कि पराली/फसलो के अवशेष जलाने से प्रदूषण उत्पन्न न हो। 


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