नई दिल्ली। हाथरस की कथित गैंगरेप पीड़िता के परिवारवालों से मिलने के लिए शनिवार की शाम को राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बंद कमरे में पीड़िता को गले लगा लिया और उसे सांत्वना दी। करीब घंटे भर चली इस मुलाकात के दौरान पीड़ित परिवार के साथ प्रियंका और राहुल ने उनका दुख दर्द बांटा।
इसके बाद प्रियंका ने कहा कि पीड़िता का परिवार न्यायिक जांच चाहता है, परिवार सुरक्षा चाहता है। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में वे पीड़िता के परिवार के साथ खड़ी हैं। प्रियंका ने कहा कि "हम अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे, जहां कभी भी अन्याय होगा हम जाएंगे।" इससे पहले, डीएनडी पर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बड़ी संख्या में जमा होने के बाद प्रशासन ने राहुल गांधी समेत पांच लोगों को हाथरस जाने की अनुमति दी थी।
दलित लड़की के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना को लेकर सियासी दांवपेंच के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अपने समर्थकों संग पीड़ित के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए दिल्ली से निकले तो उन्हें डीएनडी पर भारी पुलिस बल के साथ अधिकारियों की मौजूदगी की जानकारी मिल चुकी थी। पुलिस की चैंिकंग के चलते डीएनडी पर जाम की स्थिति रही।
हाथरस रवाना होने के दौरान मीडिया से बातचीत में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि यदि उन्हें इस बार भी रोक दिया गया तो वे लोग फिर से परिवार से मिलने की कोशिश करेंगे। इस बार राहुल और प्रियंका के साथ 35 सांसद भी हैं, जो दिल्ली से हाथरस के लिए रवाना हुए हैं। प्रियंका गांधी स्वयं कार चलाकर हाथरस जा रही हैं। बता दें कि, इससे पहले उन्हें हाथरस जाने से रोक दिया गया था। पहले हाथरस जाते समय प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को पिछली बार यूपी के यमुना एक्सप्रेसवे पर ही रोक दिया गया था। इस बार आज राहुल गांधी ने शनिवार को ट्वीटर पर लिखा है, इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ यूपी सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं। किसी भी हिन्दुस्तानी को ये स्वीकार नहीं करना चाहिए। दुनिया की कोई भी ताकत मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती।
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