लखनऊ l पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. के निजीकरण के प्रस्ताव को टालने की शर्तें उपभोक्ता हित में हैं। जिन शर्तों को माना गया है उस पर ईमानदारी से काम हो तो राज्य में सबको 24 घंटे और पर्याप्त बिजली देने की स्थिति में सरकार आ जाएगी। उपभोक्ताओं को बाधारहित बिजली के साथ ही मीटर रीडिंग के आधार पर सही बिल भी मिलने लगेगा। भ्रष्टाचार समाप्त होने की दशा में कनेक्शन, बिलिंग आदि में उलझाकर उपभोक्ताओं से होने वाली धनउगाही बंद हो जाएगी।
समझौते की शर्तों में वितरण क्षेत्र में भ्रष्टाचार को माना गया है तभी इस क्षेत्र को भ्रष्टाचार मुक्त करने की शर्त को प्रमुखता से शामिल किया गया है। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार पिछले कई महीनों से विद्युत वितरण में सुधार और राजस्व वसूली बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। इसके बावजूद विद्युत हानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, जो बिजली कंपनियों के घाटे में जाने का बड़ा कारण है। बिजली बिल वसूली का बुरा हाल है।
उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाएंगी समझौते की शर्तें
समझौते की शर्तों में विद्युत वितरण में सुधार को प्रमुखता से शामिल किया गया है। वितरण में सुधार होने पर उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली मिलने के रास्ते खुलेंगे। वितरण क्षेत्र को भ्रष्टाचार मुक्त कराने की शर्त भी है। कार्मिकों के ईमानदारी का पैमाना आत्मनिर्भर उपकेंद्र बनेगा। जिस उपकेंद्र पर जितनी बिजली जा रही है उसके सापेक्ष राजस्व सरकार के खजाने में देना होगा। पावर कारपोरेशन अब उपकेंद्र वार बने डैश बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक जिम्मेदार अधिकारियों व अभियंताओं की जवाबदेही तय करने जा रहा है।
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