मंगलवार, 6 अक्टूबर 2020

नगरपालिका पर लगाया तीस लाख का जुर्माना, जानिए क्यों?

मुजफ्फरनगर । एनजीटी के आदेशों के उल्लंघन पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर पालिका पर 30 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। 



आरोप है कि शहरी क्षेत्र से निकल रहे छह नालों के पानी को साफ ना करके गंदे पानी को सीधे काली नदी में डालकर नदी के पानी को दूषित किया जा रहा है। इस पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अधिशासी अधिकारी को पत्र जारी करते हुए 15 दिन की अवधि में 30 लाख रुपए का अर्थदंड जमा कराने के निर्देश दिए है।बोर्ड का कहना है कि नगर पालिका की लापरवाही के कारण लगातार पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। इस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एनजीटी के आदेशों का हवाला देते हुए कई बार चेतावनी दे चुका है, लेकिन फिर भी नगर पालिका उदासीन बनी रही। शहर में न्याजीपुरा ड्रेन, शामली रोड ड्रेन, खादरवाला ड्रेन, कृष्णापुरी ड्रेन, सुजडू ड्रेन और नई बस्ती खालापार ड्रेन से पूरे शहर का गंदा पानी निकलता है। इन नालों के गंदे पानी को एसटीपी प्लांट के माध्यम से साफ कर काली नदी मेें डालने के आदेश एनजीटी ने बार-बार नगर पालिका को दिए है, लेकिन नगर पालिका ने एनजीटी के इन आदेशों का पालन नहीं किया है। नालों का गंदा पानी काली नदी में डाला जा रहा है। जिसे लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कडा रूख अपनाया है। प्रत्येक ड्रेन पर 5 लाख रुपए/प्रतिमाह पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के रूप में अर्थदंड लगाया गया है। छह नालों पर 30 लाख रुपए जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना 1 जुलाई 2020 से देय होगा। पर्यावरण अभियंता वृत्त-3 इमरान अहमद खान ने नगर पालिका ईओ को पत्र भेजते हुए 15 दिन के अंदर उक्त धनराशि जमा कराने के निर्देश दिए है। 


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