मुजफ्फरनगर । मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज ने कोरोना विजेताओं से प्लाज्मा एकत्रित करने की मुहिम शुरू की है। इसमें कालेज का जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर पहला प्लाज्मा डोनर बना।
मुज़फ्फरनगर-कोरोना संक्रमण से उबरने वाले लोगों के कॉनवेलस सेरा के साथ कॉन्वेसेंट प्लाज्मा उपचार में COVID-19 मरीज को इंजेक्शन लगाना शामिल है। सीओवीआईडी -19 पर डब्ल्यूएचओ-चीन संयुक्त मिशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीमारी से ठीक हुए रोगी के पास एंटीबॉडीज होंगी। जो कोरोना वायरस को दूर करती हैं।
सीओवीआईडी -19 ठीक करने वाले व्यक्तियों के सीरम में वायरस बेअसर करने वाले एंटीबॉडी होंगे जो एक निष्क्रिय एंटीबॉडी थेरेपी के रूप में कार्य करेंगे। इसे COVID-19 का दीक्षांत समारोह कहा जाता है। कंवलसेंट प्लाजमा को एफेरेसिस द्वारा एकत्र किया जाता है और इसे एक वर्ष तक संग्रहीत किया जा सकता है।
मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक ने आज स्वैच्छिक डोनर से अपना पहला कॉन्वेसिसेंट प्लाज्मा एकत्र किया, जो उसी अस्पताल में एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में हुआ। प्लाज्मा डोनर जूनियर डॉक्टर Covid19 संक्रमण से उबर गया था और मानवता के लिए सेवा की ओर एक इशारे के रूप में उसने अपने प्लाज्मा को दान करने के लिए स्वेच्छा से सेवा की।
मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज ने अधिक से अधिक प्लाज्मा इकट्ठा करने की योजना बनाई है ताकि जो मरीज कोविड 19 अस्पताल में इलाज करा रहे हैं उन्हें इस चिकित्सा से लाभ मिल सके। आज इस प्रक्रिया के दौरान मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य गुरदीप सिंह मनचंदा एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कीर्ति गिरी गोस्वामी, डॉ प्रदीप शर्मा, डॉक्टर नीलांक सिरोहा डिप्टी सीएमएस आदि मौजूद रहे।
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