मुजफ्फरनगर । उद्यान विभाग के कब्जे वाली जमीन को लेकर कानून का बुलडोजर किस पर चलेगा, अब इसका फैसला नगर मजिस्ट्रेट करेंगे। लेडी सिंघम अब खामोश हैं पर पालिका अफसर और सभासद परेशान हैं क्योंकि प्रथम द्रष्टया लग रहा है कि उनसे जोश में बड़ी चूक हो गई है।
कंपनी बाग से सटी भूमि को लेकर पालिका और उद्यान विभाग के बीच चले आ रहे विवाद की जांच अब नगर मजिस्ट्रेट करेंगे। डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने इस मामले की जांच पडताल करने के निर्देश नगर मजिस्ट्रेट को दिए है। बुधवार को नगर मजिस्ट्रेट ने स्थानीय निकाय प्रभारी अधिकारी को पूरे मामले की जानकारी लेने के लिए अपने कार्यालय में बुलाया है।
नगर पालिका की बोर्ड बैठक में सभासदों ने उद्यान विभाग पर करीब 46 बीघा भूमि पर कब्जा करने का गंभीर आरोप लगाया था। कम्पनी बाग के समीप उद्यान विभाग ने पालिका की भूमि पर कब्जा किया हुआ है। बोर्ड बैठक के बाद पालिकाध्यक्ष, पालिका प्रशासन और सभासदों के साथ जेसीबी मशीन लेकर मौके पर पहुंच गए और कार्रवाई करते हुए उक्त दीवार को ध्वस्त करा दिया। उद्यान विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने इसका काफी विरोध किया, लेकिन पालिका की जेसीबी मशीन बंद नहीं हुई। शिकायत पर स्थानीय निकाय प्रभारी अधिकारी मौके पर पहुंचे। उद्यान विभाग के अधिकारी ने शासन द्वारा लीज पर दी गई भूमि के दस्तावेज उन्हें दिखाए। इसके बाद स्थानीय निकाय प्रभारी अधिकरी ने तत्काल प्रभाव से काम को रूकवा दिया। इस मामले में उद्यान विभाग की और से नगर पालिका ईओ और कर निर्धारण अधिकारी पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। सभासदों की शिकायत पर पालिका प्रशासन ने उक्त भूमि की गोपनीय पैमाइश कराई है। जिसमें उक्त भूमि लीज पर दी गई भूमि से भी कम निकली है। डीएम ने इस मामले की जांच करने के निर्देश नगर मजिस्ट्रेट को दिए है।
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