मुजफ्फरनगर । उत्तराखंड प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा विधवा महिला को भुगतना पड रहा है। उसकी कोई सुनने वाला नहीं है।
शनिवार को कोतवाली पहु़ंची चितौडा गांव निवासी शिवानी ने बताया कि जून माह में पति सुभाष सिंह उत्तराखंड रूद्रप्रयाग में किसी काम से गए थे। 19 जून को एक हादसे में पति की मौत हो गई थी। पति की मौत के एक महीने बाद रूद्रप्रयाग के उखीमठ तहसील से पति का मृत्यू प्रमाण पत्र जारी किया गया। जो मौत से दो दिन पहले की तारीख में जारी किया गया। अनपढ होने के कारण प्रमाण पत्र पर ध्यान नही दिया गया। पति की मौत के कुछ दिन बाद दो युवक घर पहुंचे। उन्होने बताया कि तुमने लोन लिया था, उसका भुगतान नहीं हुआ है। भुगतान नहीं किया तो कंपनी कानूनी कार्रवाई कर देगी। पीडित ने युवकों को बताया कि उसके पति की तो मौत हो चुकी है वो लोन कहा से देगी। युवकों ने पति का मृत्यू प्रमाण मांगा। प्रमाण पत्र देखते ही उन्होने कहा कि वो तो गलत तरीके से बनाया हुआ है। कहा कि क्या पति की मौत से दो दिन पहले मृत्यू प्रमाण पत्र बना लिया था। युवकों ने बताया तो होश उड गए। पीडिता ने बताया कि पति की मौत का प्रमाण देने के लिए ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव, ब्लाक अधिकारी के अलावा संबधित अधिकारी के चक्कर काट रही है, लेकिन कही कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पति की मौत के बाद सरकार से मिलने वाली सहायता भी नहीं मिल पा रही है। प्रमाण पत्र को देखते ही अधिकारी उनको भगा देते है। लोन वाले भी पीडिता को धमकी दे रहे है। रूद्रप्रयाग के प्रशासनिक अधिकारियों की गलती का खामियाजा पीडिता को भुगतना पड रहा है
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