मान्यता है कि दशहरे के ये उपाय, साल भर काम करते हैं, यहां तक की आपके कामों में आ रही रुकावटों को हटाते हुए ये आपके भाग्य को तक बदल कर रख देते हैं...
1- धन की कमी दूर करने के लिए...
दशहरे के दिन से शुरू करके 51 दिन तक रोजाना कुत्तों और गायों को मीठा लड्डू या बेसन की मिठाई खिलाने से सालभर धन संबंधी किसी तरह की कोई कमी नहीं रहती है।
इसके अलावा दशहरा के दिन पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन को बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है विजयदशमी के दिन अगर इस पक्षी के दर्शन हो जाते हैं तो उस व्यक्ति धन-धान्य की प्राप्ति होती है। इसे शुभ मानने का कारण ये है कि भगवान राम ने नीलकंठ के दर्शन के बाद रावण पर विजय प्राप्त की थी।
2- मनोकामना पूर्ति के लिए...
दशहरे के दिन एक मुट्ठी साबुत उड़द हनुमान जी की प्रतिमा के चरणों में रखकर ग्यारह बार परिक्रमा करें। इस परिक्रमा के समय अपने इच्छा को मन में दोहराएं। परिक्रमा पूर्ण होने पर स्वयं हनुमानजी की मूर्ति के सामने अपनी मनोकामना कहें, फिर उस उड़द में से एक दाना लेकर घर लौट आएं और घर के मंदिर में रख दें।
3- बुरी बलाएं दूर करने के लिए...
मान्यता है कि रावण के वध और लंका विजय के प्रमाण स्वरूप श्रीराम सेना लंका की राख अपने साथ ले आई थी, इसी के चलते रावण के पुतले की अस्थियों को घर ले जाने का चलन शुरू हुआ। कहा जाता है कि रावण की अस्थियां घर में रखने से समृद्धि आती है और बुरी बलाएं दूर रहतीं हैं।
4- किसी मामले में विजय के लिए....
दशहरे के दिन शमी के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से सभी तरह के कोर्ट केस में विजय मिलती है। शमी को अग्नि देव का रूप भी माना जाता है, इसलिए हवन में भी शमी की लकड़ियों का उपयोग किया जाता है। शमी के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लंका पर विजयी पाने के बाद श्रीराम ने शमी पूजन किया था। नवरात्र में भी मां दुर्गा का पूजन शमी वृक्ष के पत्तों से करने का विधान है। गणेश जी और शनिदेव, दोनों को ही शमी बहुत प्रिय है। भारत के तमाम राजपरिवार आज भी इस दिन शमी के पेड़ का पूजन करते हैं।
पान को जीत का प्रतीक माना गया है, पान का 'बीड़ा' शब्द का एक महत्व यह भी है इस दिन हम सही रास्ते पर चलने का 'बीड़ा' उठाते हैं। पान प्रेम का पर्याय है, दशहरे में रावण दहन के बाद पान का बीड़ा खाने की परम्परा है। ऐसा माना जाता है दशहरे के दिन पान खाकर लोग असत्य पर हुई सत्य की जीत की खुशी मनाते हैं।
5- हर जगह विजय के लिए :
देवी पूजन कर उन पर 10 फल चढ़ाकर गरीबों में बाटें। सामाग्री चढ़ाते समय 'ॐ विजयायै नम:' का जाप करें। ये उपाय मध्याह्न शुभ मुहूर्त में करें। निश्चित ही हर क्षेत्र में विजय मिलेगी।
ऐसा माना जाता है कि श्रीराम ने भी रावण को परास्त करने के बाद मध्यकाल में पूजन किया था।
6- आरोग्य व धन लाभ के लिए...
दशहरे के दिन लाल रंग के नए कपड़े या रुमाल से मां दुर्गा के चरणों को पोंछ कर इन्हें तिजोरी या अलमारी में रख दें। इससे घर में बरकत बनी रहती है।
वहीं दशहरे के दिन देवी यात्रा करती हैं इसलिए इस दिन को यात्रा के लिए शुभ दिन माना जाता है। इस दिन संभव हो तो यात्रा करें भले ही वह छोटी दूरी की हो। इससे आपकी यात्रा में आने वाली बाधाएं दूर होती है। जिन लोगों को विदेश यात्रा की इच्छा है उन्हें यात्रा का योग मजबूत बनाने के लिए यह उपाय आजमाना चाहिए।
इसके अलावा दशहरे के दिन सिर पर जयंती रखें और ‘ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कपानलिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।। मंत्र का जप करें। इससे आरोग्य सुख की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा मान्यता है कि जयंती को तिजोरी या अलमारी में रखने से धन धान्य की प्राप्ति और बरकत होती है।
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