लखनऊ । प्रदेश के 69000 भर्ती आरक्षित वर्ग अभ्यर्थी संगठन के प्रतिनिधियों ने कहा है कि प्रदेश में बेसिक शिक्षक भर्ती में आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया है। उनके साथ होने वाले अन्याय को रोका जाए।
अभ्यर्थी संगठन ने मंगलवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को संबोधित ज्ञापन पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र चौधरी, नरेश उत्तम व सुनील साजन को सौंपा। इसमें कहा गया कि बेसिक शिक्षक भर्ती की परीक्षा 6 जनवरी 2019 में हुई थी, उसका परीक्षाफल 12 मई 2020 को जारी किया गया। ज्ञापन के अनुसार भर्ती प्रक्रिया में विभाग द्वारा एमआरसी (मेरीटोरियल रिजर्व कैंडीडेट) को गलत तरीके से लगाकर आरक्षित वर्ग को चयन से बाहर कर दिया गया है। एमआरसी में बदलाव से आरक्षित वर्ग का अनारक्षित में चयन कर आरक्षित में किया गया समायोजन आरक्षित वर्ग की हकमारी है। सामान्य वर्ग के कुछ लोगों को ओबीसी बना दिया गया है। उन्हें मेरिट में जिला भी आवंटित कर दिया गया। इससे 15 हजार से ज्यादा ओबीसी-एससी अभ्यर्थियों के साथ घोर अन्याय हुआ है।
ज्ञापन में कहा गया है कि भाजपा सरकार द्वारा बड़ी चालाकी से 15 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने से रोक दिया गया है। अभ्यर्थी संगठन के ज्ञापन में मांग की गई है कि पहले 69000 सीटों पर आरक्षण के नियमानुसार चयन मिले, बाद में चयनित लोगों को जिला आवंटन की वरीयता में एमआरसी नियम लागू किया जाए। आरक्षित वर्ग अभ्यर्थी संगठन के प्रतिनिधिमण्डल में सुशील कुमार कश्यप, दीपशिखा पाल, पुष्पेन्द्र सिंह यादव, विजय यादव तथा संतोष चौरसिया शामिल थे।
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