मुजफ्फरनगर। भागवत पीठ शुकदेव आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी ओमानन्द महाराज ने कहा कि शिक्षा ऋषि ने ज्ञान का दीपक जलाकर ग्रामोत्थान का संकल्प पूरा किया। बेटियों को सम्मान देना सनातन संस्कृति का धर्म है।
बघरा कस्बे में स्थित स्वामी कल्याणदेव कन्या इंटर कालेज में दशहरा पर्व पर शिक्षा ऋषि की प्रतिमा का अनावरण परम शिष्य स्वामी ओमानन्द महाराज ने किया। उन्होंने कहा कि गुरुदेव का पवित्र और वन्दनीय जीवन मानवता के लिए प्रेरणा का प्रकाश पुंज है। वीतराग संत का संपूर्ण जीवन त्याग, तपस्या, सेवा, परोपकार और सत्य जैसे उच्च आदर्शों पर आधारित था। उनका अनुकरणीय जीवन दीर्घ-काल तक मानव जाति का मार्ग दर्शन करता रहेगा। राष्ट्र और समाज निर्माण में अपने जीवन का बलिदान कर गए शिक्षा ऋषि ने ज्ञान का ऐसा दीपक जलाया जो कभी भी बुझ नहीं पाएगा और अज्ञान के अंधेरों में सबको रहा दिखाएगा। लोक हित के लिए घोर परिश्रम स्वामी जी की साधना थी। निष्काम कर्म करना उनके जीवन का आदर्श था। ऐसा प्रतीत होता था कि कर्म उन्हें करना नहीं पड़ता था, बल्कि कर्म उनसे अपने आप होता था। वह जहां भी जाते थे,वहीं कर्म उठ खड़ा होकर उनका स्वागत और अगवानी करता था। चाहे वह विध्या मंदिर हो या देव मंदिर। उन्होने कन्याओं की शिक्षा पर बहुत बल दिया इसलिए उन्होने कई कन्या इंटर और डिग्री कालेज खोलकर मातृ शक्ति के मौलिक अधिकारों की रक्षा का सराहनीय कार्य किया। माँ एवं बहनों के मौलिक अधिकारों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन, सम्मान की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का नैतिक दायित्व है। विशिष्ट अतिथि इंजीनियर आर.के.सिंह ने कहा कि स्वामी कल्याणदेव त्याग और सेवा की प्रतिमूर्ति थे। सर्जन डॉ. पी.के.कांबोज ने कहा कि गांव-गांव में शिक्षा के प्रति चेतना जगाकर स्वामी जी ने किसानों और मजदूरों के परिवारों को खुशहाली दी। प्रधानाचार्य सुरेंद्र पाल शर्मा ने अतिथियों को सम्मान पत्र भेंट कर स्वागत किया। इस मौके प्रबंधक अकील अहमद, कुँवर देवराज पंवार, इंजीनियर बी.आर.शर्मा, उमेश चंद शर्मा, के.के.शर्मा, मेरठ कालिज के प्रोफेसर राजवीर सिंह, कल्याणकारी इंटर कालेज के प्रधानाचार्य जितेंद्र वर्मा, गांधी पॉलिटेक्निक के प्रवक्ता सतीश चंद शर्मा आदि मौजूद रहे। शिक्षिका कमलेश शर्मा, मंजू मलिक, मोनिका आदि का सहयोग रहा। संचालन प्रधानाचार्य सुरेंद्र पाल शर्मा ने किया।
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