मुजफ्फरनगर l डीपीआरओ के अपने ही आदेश गले की फास बन गए है। डीपीआरओ ने कुछ दिन पूर्व करीब 47 सफाई कर्मचारियों को नियुक्ति राजस्व ग्राम पंचायत में काम करने के लिए नोटिस दिया था। इनमें से अधिकांश सफाई कर्मचारी उच्चाधिकारियों की कोठी और आफिस में कार्यरत है। जिनके खिलाफ डीपीआरओ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहे है। उधर शासन ने इस संबंध में प्रगति रिपोर्ट विभाग से मांगी हुई है।
करीब एक माह पूर्व डीपीआरओ डा. एसके श्रीवास्तव ने उच्चतम न्यायालय के आदेशों का हवाला देते हुए करीब 47 से अधिक सफाई कर्मचारियों को नोटिस जारी किए थे। डीपीआरओ ने नोटिस जारी करते हुए बताया था कि उच्चतम न्यायालय द्वारा आदेश जारी किए गए है कि किसी भी सफाईकर्मी से राजस्व ग्राम पंचायत में सफाई कार्य से अतिरिक्त कोई कार्य नहीं लिया जाएगा। डीपीआरओ ने कोर्ट के आदेश के बाद अफसरों की कोठी, कार्यालय में काम करने वाले 47 से अधिक सफाई कर्मचारियों को नोटिस जारी किए। उन्होंने आदेश दिए कि उक्त कर्मचारी अपने नियुक्ति ग्राम पंचायत क्षेत्र में काम करेंगे और वहीं से उनका वेतन निकलेगा। उच्चाधिकारियों की कोठी और आफिस में कार्यरत सफाई कर्मचारियों ने डीपीआरओ के इस आदेश को मानने से इंकार कर दिया है। क्योंकि उक्त सफाई कर्मचारी उच्चाधिकारियों के यहां पर कार्यरत है, इसलिए डीपीआरओ कोई कार्रवाई भी नहीं कर पा रहे है। उधर शासन इस संबंध में बार-बार प्रगति रिपोर्ट मांग रहा है।
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