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*खाइ के मूतै सोवे बाम। कबहुं ना बैद बुलावै गाम यानी भोजन करने के बाद जो व्यक्ति मूत्र-त्याग करता है व बायीं करवट सोता है, वह हमेशा स्वस्थ रहता है और वैद्यों या डॉक्टरों की शरण में जाने से बचता है,ईश्वर ऐसा न करें पर आप ऐसा नहीं करते तो*
*===बन सकते हैं गुर्दा रोगी===*
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मित्रों नमस्कार🙏
*आयुर्वेद में दोनों किडनियों, मूत्रवाहिनियों और मूत्राशय इत्यादि अवयवों को मूत्रवह स्रोत का नाम दिया गया है। पेशाब की इच्छा होने पर भी मूत्र त्याग नहीं करना और खानपान जारी रखना व किडनी में चोट लगना जैसे रोगों को आयुर्वेद में मूत्रक्षय एवं मूत्राघात नाम से जाना जाता है व 99% तक किडनी खराब हो जाने पर भी केवल आयुर्वेद में है किडनी फेल का इलाज*
🍂 *आयुर्वेदिक ग्रंथ माधव निदान के अनुसार रूक्ष प्रकृति व विभिन्न रोगों से कमजोर हुए व्यक्ति के मूत्रवह में पित्त और वायु दोष होकर मूत्र का क्षय कर देते हैं जिससे रोगी को पीड़ा व जलन होने लगती है, यही रोग मूत्रक्षय है इसमें मूत्र बनना कम या बंद हो जाता है व आधुनिक चिकित्सा इसको किडनी फेल बोलती है, हम वृक्कर्मणयता(गुर्दे का निकम्मा हो जाना)*
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*वैसे तो किडनी फेल के शुगर, पथरी होना, अति शराब सेवन कई मुख्य कारण हैं लेकिन सबसे अधिक मेरे अनुभव में हाई बीपी के कारण किडनी फेल वाले रोगी होते हैं इसलिए आज बीपी नियंत्रण पर लिखूँगा*
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*ब्लड प्रेशर(बी.पी,उच्च रक्तचाप)*
*ब्लड प्रेशर बढ़ने पर नमक, इमली, अमचूर, लस्सी, चाय, कॉफी, तली-भुनी चीजें, गरिष्ठ आहार, अत्यधिक परिश्रम, अधिक मात्रा में कसैले खाद्य-पदार्थ खाने, धूप में रहने और चिंता से बचें। सेंधा नमक खाएं, इससे रक्त संचार में अवरोध दूर होता है।*
🍂 *अगर आपको ऐसा लग रहा है तो यह किडनी रोग हो सकता है* :-
*उबकाई रहना, पेट-कमर के निचले हिस्से में खुजली-दर्द रहना,अक्सर रात में ज्यादा पेशाब जाना या पेशाब संबंधी अन्य दिक्कत,वजन गिरना, भूख कम होना, अक्सर चेहरे या मुँह पर सूजन आदि*
🍂 *औषधियां*
*आयुर्वेदिक औषधियों में प्रारंभिक स्तर पर पुनर्नवा मंडूर, गोक्षुरादी गुग्गुलु, चंद्रप्रभावटी, श्वेत पर्पटी, गिलोय सत्व, मुक्ता पिष्टी, मुक्तापंचामृत रस, वायविडंग इत्यादि का सेवन विशेषज्ञ की देखरेख में कर सकते हैं व नियमित रूप से ताज़ा एलोवेरा, ज्वारे व गिलोय का जूस पीने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है व विजातीय द्रव्य शरीर से बाहर हो जाते हैं, योगाचार्य की देख-रेख में प्राणायाम आदि उत्तम है।*
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*किडनी फेल के केस में whats app पर घूम रहे गोखरू काढ़ा से घरेलू उपचार द्वारा किडनी ठीक करने की नासमझी न करें, यह अतिश्योक्ति है व केवल गोखरू काढ़ा किडनी ठीक नही कर सकता,स्वयं की विद्वता प्रदर्शन के लिए कुछ लोगों द्वारा अपनाया गया यह तरीका है*
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🍂 *डाइट कैसी हो*
*गाजर, तुरई, टिंडे, ककड़ी, अंगूर, तरबूज, अनानास, नारियल पानी, गन्ने का रस व सेब खाएं लेकिन डायबिटीज है तो गन्ने का रस न पिएं। इन चीजों से पेशाब खुलकर आता है। मौसमी, संतरा, किन्नू, कीवी, खरबूजा, आंवला और पपीते खा सकते हैं। रात को तांबे के बर्तन में रखा पानी सुबह पिएं,सुनिश्चित करें कि सब्जी फल मसाले द्वारा न पके हों व जितना संभव हो अमरुद जैसे फल का छिलका उतारकर-बीज निकालकर बीच का भाग खाएं(मध्यम आवरण सबसे शुद्ध व सुरक्षित होता है)*
🍂 *सिरम क्रेटनीन व यूरिक एसिड बढ़ने पर*
*रोगी प्रोटीन युक्त पदार्थ जैसे मांस, सूखे हुए मटर, हरे मटर, फै्रंचबीन, बैंगन, मसूर, उड़द, चना, बेसन, अरबी, राजमा, कांजी व शराब आदि से परहेज करें। नमक, का प्रयोग कम से कम करें। इस रोग में चैरी, अनानास व आलू खाना लाभकारी होता है।*
🙏 *फिर कह रहा हूँ कि गुर्दा-रोग को लेकर रोगी भारत में जागरूक नहीं हैं व बहुत भ्रमित रहते हैं, केवल आयुर्वेद चिकित्सा में ही इसका अधिकतम संभावित इलाज होने पर भी पंच-सितारा अस्पतालों में हर बार डायलिसिस कराने पर सोचते हैं कि अगली बार नहीं करानी पड़ेगी पर अफ़सोस कि ऐसा रोगी डायलिसिस पर प्राण त्यागता है।*
🙏 *यह सब मैंने केवल परिचयात्मक लिखा,विवेक से निर्णय करें व सम्बंधित अन्य लेख व शंका हेतु नीचे दिए गए whats app नं पर संपर्क करें*
🙏 *ईश्वर आपको स्वस्थ रखे*
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आपका ही - *डॉ निशान्त गुप्ता'आयुष'- दर्द,गुर्दा-मूत्र रोग विशेषज्ञ, गाँधी चौक, शामली- 7017288259*
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