मंगलवार, 20 अक्टूबर 2020

आज का पंचांग तथा राशिफल 21 अक्टूबर 2020


🌞 ~ *आज का पंचांग* ~ 🌞


⛅ *दिनांक 21 अक्टूबर 2020*


⛅ *दिन - बुधवार*


⛅ *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*


⛅ *शक संवत - 1942*


⛅ *अयन - दक्षिणायन*


⛅ *ऋतु - शरद*


⛅ *मास - अश्विन*


⛅ *पक्ष - शुक्ल* 


⛅ *तिथि - पंचमी रात्रि 09:07 तक तत्पश्चात षष्ठी*


⛅ *नक्षत्र - मूल 22 अक्टूबर रात्रि 01:13 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा*


⛅ *योग - शोभन सुबह 06:50 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*


⛅ *राहुकाल - दोपहर 12:23 से दोपहर 01:49 तक* 


⛅ *सूर्योदय - 06:37* 


⛅ *सूर्यास्त - 18:09* 


⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*


⛅ *व्रत पर्व विवरण - सरस्वती आवाहन*


 💥 *विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*


               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


: अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति, यह है सही जानकारी


इस समय नवरात्रि का पर्व आरंभ है। इस दौरान नौ दिनों तक मां के नौ स्वरुपों का पूजन किया जाएगा। नवरात्रि के प्रथम दिन से लेकर नवम दिन तक मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी मां, चंद्रघंटा माता, कूष्मांडा माता, स्कंध माता, कात्यायनी माता, कालरात्रि माता, सिद्धिदात्री माता का पूजन किया जाता है। अष्टमी को हवन और उसके बाद कन्यापूजन करके माता को विदा किया जाता है। हिंदू पंचांग के हिसाब से चंद्र तिथि के अनुसार पर्व मनाए जाते हैं। जिसके कारण कोई तिथि नौं तो कोई 12 घंटे की होती है जिसके कारण लोगों में कभी-कभी भ्रम की स्थिति बन जाती है। इस बार भी लोगों में अष्टमी, नवमी तिथि और दशमी तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। जानते हैं क्या है सही जानकारी


अष्टमी, नवमी और दशमी तिथि की जानकारी 


अष्टमी, नवमी और दशमी तिथि की जानकारी 


पंचांग के अनुसार 23 अक्तूबर शुक्रवार सुबह 06:57 से अष्टमी तिथि आरंभ हो जाएगी जो 24 अक्तूबर सुबह 6:58 तक रहेगी। उसके बाद नवमी तिथि 06:58 से आरंभ होकर 25 अक्तूबर सुबह 7:41 तक रहेगी। तो वही 25 अक्तूबर को 7:41 से दशमी तिथि आरंभ होगी जो 26 अक्तूबर सुबह 9:00 बजे तक रहेगी। इस तरह से 25 अक्तूबर को ही दशमी तिथि लगने के कारण इसी दिन दशहरा मनाया जाएगा। इस तरह से आप तिथि के अनुसार हवन, कन्या पूजन और दशहरे का पर्व मना सकते हैं। किस दिन और कैसे करें कन्या पूजन...


नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दिन हवन और उसके बाद नवमी तिथि को कन्या पूजन करने के बाद माता रानी को विदा करके व्रत का पारण किया जाता है। कुछ लोग हवन के बाद अष्टमी तिथि को ही कन्या पूजन करते हैं। लेकिन पारण समापन तिथि के बाद ही किया जाता है। अष्टमी तिथि को मां महागौरी और नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है।


क्या है कन्या पूजन का महत्व


नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री के पूजन के साथ कन्या भोजन करवाने बहुत महत्व माना गया है। नवरात्रि में मां के नौं स्वरुप मानकर नौ कन्याओं का पूजन किया जाता है। नवरात्रि में नौ कन्याओं के साथ एक बालक को भी बटुक भैरव या लांगुर का रुप मानकर पूजन किया जाता है। 2 से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याओं को भोजन कराने का विशेष महत्व माना गया है



🌷 *हेमन्त और शिशिर की ऋतुचर्या* 🌷


➡ *22 अक्टूबर 2020 गुरुवार से हेमन्त ऋतु प्रारंभ।*


➡ *शीतकाल आदानकाल और विसर्गकाल दोनों का सन्धिकाल होने से इनके गुणों का लाभ लिया जा सकता है क्योंकि विसर्गकाल की पोषक शक्ति हेमन्त ऋतु हमारा साथ देती है। साथ ही शिशिर ऋतु में आदानकाल शुरु होता जाता है लेकिन सूर्य की किरणें एकदम से इतनी प्रखर भी नहीं होती कि रस सुखाकर हमारा शोषण कर सकें। अपितु आदानकाल का प्रारम्भ होने से सूर्य की हल्की और प्रारम्भिक किरणें सुहावनी लगती हैं।*


➡ *शीतकाल में मनुष्य को प्राकृतिक रूप से ही उत्तम बल प्राप्त होता है। प्राकृतिक रूप से बलवान बने मनुष्यों की जठराग्नि ठंडी के कारण शरीर के छिद्रों के संकुचित हो जाने से जठर में सुरक्षित रहती है जिसके फलस्वरूप अधिक प्रबल हो जाती है। यह प्रबल हुई जठराग्नि ठंड के कारण उत्पन्न वायु से और अधिक भड़क उठती है। इस भभकती अग्नि को यदि आहाररूपी ईंधन कम पड़े तो वह शरीर की धातुओं को जला देती है। अतः शीत ऋतु में खारे, खट्टे मीठे पदार्थ खाने-पीने चाहिए। इस ऋतु में शरीर को बलवान बनाने के लिए पौष्टिक, शक्तिवर्धक और गुणकारी व्यंजनों का सेवन करना चाहिए।*


➡ *इस ऋतु में घी, तेल, गेहूँ, उड़द, गन्ना, दूध, सोंठ, पीपर, आँवले, वगैरह में से बने स्वादिष्ट एवं पौष्टिक व्यंजनों का सेवन करना चाहिए। यदि इस ऋतु में जठराग्नि के अनुसार आहार न लिया जाये तो वायु के प्रकोपजन्य रोगों के होने की संभावना रहती है। जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी न हो उन्हें रात्रि को भिगोये हुए देशी चने सुबह में नाश्ते के रूप में खूब चबा-चबाकर खाना चाहिए। जो शारीरिक परिश्रम अधिक करते हैं उन्हें केले, आँवले का मुरब्बा, तिल, गुड़, नारियल, खजूर आदि का सेवन करना अत्यधिक लाभदायक है।*


➡ *एक बात विशेष ध्यान में रखने जैसी है कि इस ऋतु में रात लंबी और ठंडी होती है। अतः केवल इसी ऋतु में आयुर्वेद के ग्रंथों में सुबह नाश्ता करने के लिए कहा गया है, अन्य ऋतुओं में नहीं।*


➡ *अधिक जहरीली (अंग्रेजी) दवाओं के सेवन से जिनका शरीर दुर्बल हो गया हो उनके लिए भी विभिन्न औषधि प्रयोग जैसे कि अभयामल की रसायन, वर्धमान पिप्पली प्रयोग, भल्लातक रसायन, शिलाजित रसायन, त्रिफला रसायन, चित्रक रसायन, लहसुन के प्रयोग वैद्य से पूछ कर किये जा सकते हैं।*


➡ *जिन्हें कब्जियत की तकलीफ हो उन्हें सुबह खाली पेट हरड़े एवं गुड़ अथवा यष्टिमधु एवं त्रिफला का सेवन करना चाहिए। यदि शरीर में पित्त हो तो पहले एक टुकी चूर्ण एवं मिश्री लेकर उसे निगद लें । सुदर्शन चूर्ण अथवा गोली थोड़े दिन खायें।*


➡ *विहारः आहार के साथ विहार एवं रहन-सहन में भी सावधानी रखना आवश्यक है। इस ऋतु में शरीर को बलवान बनाने के लिए तेल की मालिश करनी चाहिए। चने के आटे, लोध्र अथवा आँवले के उबटन का प्रयोग लाभकारी है। कसरत करना अर्थात् दंड-बैठक लगाना, कुश्ती करना, दौड़ना, तैरना आदि एवं प्राणायाम और योगासनों का अभ्यास करना चाहिए। सूर्य नमस्कार, सूर्यस्नान एवं धूप का सेवन इस ऋतु में लाभदायक है। शरीर पर अगर का लेप करें। सामान्य गर्म पानी से स्नान करें किन्तु सिर पर गर्म पानी न डालें। कितनी भी ठंडी क्यों न हो सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए। रात्रि में सोने से हमारे शरीर में जो अत्यधिक गर्मी उत्पन्न होती है वह स्नान करने से बाहर निकल जाती है जिससे शरीर में स्फूर्ति का संचार होता है।*


➡ *सुबह देर तक सोने से यही हानि होती है कि शरीर की बढ़ी हुई गर्मी सिर, आँखों, पेट, पित्ताशय, मूत्राशय, मलाशय, शुक्राशय आदि अंगों पर अपना खराब असर करती है जिससे अलग-अलग प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं। इस प्रकार सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से इन अवयवों को रोगों से बचाकर स्वस्थ रखा जा सकता है।*


➡ *गर्म-ऊनी वस्त्र पर्याप्त मात्रा में पहनना, अत्यधिक ठंड से बचने हेतु रात्रि को गर्म कंबल ओढ़ना, रजाई आदि का उपयोग करना, गर्म कमरे में सोना, अलाव तापना लाभदायक है।*


➡ *अपथ्यः इस ऋतु में अत्यधिक ठंड सहना, ठंडा पानी, ठंडी हवा, भूख सहना, उपवास करना, रूक्ष, कड़वे, कसैले, ठंडे एवं बासी पदार्थों का सेवन, दिवस की निद्रा, चित्त को काम, क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष से व्याकुल रखना हानिकारक है।*


 


🙏पंचक


 


25 अक्टूबर दोपहर 3.24 से 30 अक्टूबर दोपहर 2.56 बजे तक


 


21 नवंबर रात्रि 10.24 से 26 नवंबर रात्रि 9.20 बजे तक


 


19 दिसंबर प्रातः 7.16 से 23 दिसंबर तड़के 4.32 बजे तक


 


 


एकादशी


पापांकुशा एकादशी- 27 अक्टूबर दिन मंगलवार


 


रमा एकादशी- 11 नवंबर दिन बुधवार


 


 देवुत्थान एकादशी- 25 नवंबर दिन बुधवार


 


उत्पन्ना एकादशी- 11 दिसंबर दिन शुक्रवार


 


मोक्षदा एकादशी- 25 दिसंबर दिन शुक्रवार


 


प्रदोष


 


बुधवार, 28 अक्‍टूबर - प्रदोष व्रत (शुक्ल)


 


शुक्रवार, 13 नवंबर - प्रदोष व्रत (कृष्ण)


 


शुक्रवार, 27 नवंबर - प्रदोष व्रत (शुक्ल)


 


शनिवार, 12 दिसंबर - शनि प्रदोष व्रत (कृष्ण)


 


रविवार, 27 दिसंबर - प्रदोष व्रत (शुक्ल)


 


 


अमावस्या


 


रविवार, 15 नवंबर कार्तिक अमावस्या


सोमवार, 14 दिसंबर मार्गशीर्ष अमावस्या


 


 


पूर्णिमा


 


शनिवार, 31 अक्टूबर अश्विन पूर्णिमा व्रत


सोमवार, 30 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा व्रत


बुधवार, 30 दिसंबर मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत। मेष 


कार्यों में विलंब तो होगा लेकिन कार्य पूरे जरूर होंगे, जिससे आप शाम तक राहत की सांस लेंगे। खुद पर कॉन्फिडेंस रहेगा और कामों को बढ़-चढ़कर पूरा करने की कोशिश करेंगे। आज कुछ बेवजह की जिम्मेदारियां आपके सिर पर आएंगी जो आपको इरिटेट करेंगी। निजी जीवन को लेकर आप मजबूत रहेंगे और सही निर्णय लेंगे। प्रेम जीवन बिता रहे लोग अपने रिश्ते को लेकर बहुत खुश होंगे और आज आप अपने प्रिय से शादी की बात चला सकते हैं।


वृष 


आज का दिन किसी बड़े या महत्वपूर्ण काम को हाथ में लेने के लिए अच्छा नहीं है, इसलिए आज रुक जाएं। मन में धार्मिक विचार आएंगे। पूजा पाठ में रुचि होगी। घर में सुख शांति रहेगी और निजी जीवन में आप थोड़ी नीरसता महसूस करेंगे। भाग्य प्रबलता देगा जिसकी वजह से आप थोड़े आलसी भी हो सकते हैं लेकिन काम अच्छे होने से चेहरे पर मुस्कान रहेगी और सेहत अच्छी रहेगी।


 


मिथुन 


जीवन साथी के साथ किसी नए बिजनेस को शुरू करने की बात कर सकते हैं। जो लोग पहले से बिजनेस में हैं, उनके लिए आज का दिन कोई अच्छी सूचना लाएगा। आपका कोई आर्डर फाइनल हो जाएगा, जिससे आपको बहुत अच्छा बेनिफिट मिल सकता है। निजी जीवन को लेकर स्थिति अच्छी है। आपका प्रिय अपने दोस्तों से आपको इंट्रोड्यूस करा सकता है और आज आप काफी समय उन लोगों के साथ बिताएंगे। काम के सिलसिले में दिन अच्छा है। खर्चे लगे रहेंगे।


कर्क 


पेट के रोग के प्रति सावधान रहें और ज्यादा ना सोचें। इसका असर आपके पेट पर पड़ेगा और आप परेशान हो सकते हैं। शादीशुदा लोगों का गृहस्थ जीवन बहुत ही सामान्य रहेगा। आप नॉर्मल जीवन जिएंगे। काम को लेकर आप थोड़ा जी चुरा सकते हैं क्योंकि आपका कंसंट्रेशन नहीं बन पाएगा। अच्छे खाने का आनंद लेंगे और अपने जीवन साथी से अपनी परेशानी का कारण शेयर करेंगे। घर का माहौल अच्छा रहेगा और परिवार वाले आप को सपोर्ट करेंगे।


सिंह 


आज आप का साहस और जुनून देखते ही बनेगा। हर काम को जल्दी जल्दी निपटाएंगे और शाम को कुछ समय अपने लिए भी निकाल लेंगे। दोस्तों के साथ समय बीतेगा। भाई बहनों के किसी काम में खासी दिलचस्पी दिखाएंगे। काम को लेकर आज आप थोड़े केयर लेस हो सकते हैं। गृहस्थ जीवन बिता रहे लोग जीवन साथी के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहेंगे। प्रेम जीवन बिता रहे लोग अपने रिश्ते की प्रगति से खुश होंगे और आप अपने प्रिय से कोई अच्छा गिफ्ट प्राप्त करेंगे।


कन्या 


आज आप अपने परिवार पर पूरा ध्यान देंगे। आज आपके पूरे ध्यान का केंद्र बिंदु आप और आपका परिवार होगा। घर की मरम्मत भी करा सकते हैं और घर की जरूरत के हिसाब से कुछ नया खरीद कर भी ला सकते हैं, इसलिए खर्चों में बढ़ोतरी होगी। सेहत बहुत बढ़िया रहेगी, जिसकी वजह से तंदुरुस्त जीवन जियेंगे। आज जीवन साथी से कहासुनी हो सकती है, इसलिए शांति जरूर बनाए रखें। काम को लेकर स्थितियां बेहद अच्छी हैं। आपकी मेहनत आपको सफलता प्रदान करेगी। प्रेम जीवन में अपने प्रिय पर थोड़ा भरोसा जताएं।


तुला 


आज आपकी दूरदर्शिता दिखाई देगी। अपने भाई-बहनों की किसी समस्या को सुलझाने में आप बहुत तत्परता दिखाएंगे और उससे उन्हें फायदा भी होगा। आप की बॉन्डिंग अच्छी होगी। इनकम आज अच्छी रहने वाली है और निजी जीवन की बात करें तो प्रेम जीवन की वजह से आपके चेहरे पर मुस्कुराहट रहेगी। आपका प्रिय कैसे भी समय निकाल कर कुछ समय आप से मिलने की जिद करेगा। शादीशुदा लोगों का गृहस्थ जीवन भी आज बहुत अच्छा रहेगा। आपको अपने ससुराल के लोगों से मिलने की जरूरत पड़ सकती है।


वृश्चिक 


मन में कोई बात हो तो उसे प्रकट करें। लोगों के लिए पहेली ना बनें। इससे आपके रिश्ते बिगड़ सकते हैं। घर परिवार की स्थितियां थोड़ी नाजुक दौर में हैं। ऐसे में आपका सक्रिय रूप से भाग लेना जरूरी होगा। अपने काम से जी चुराना नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए जहां तक संभव हो, काम पर ध्यान दें। प्रेम जीवन बिता रहे लोग अपने प्रिय के बर्ताव और गुस्से को देख कर थोड़ी परेशानी महसूस करेंगे जबकि शादीशुदा लोगों का गृहस्थ जीवन आज ईश्वर की कृपा से बढ़िया रहेगा।


धनु 


आज गहन चिंतन में और पूजा में मन लगेगा। कई ऐसे आध्यात्मिक विषय होंगे, जो आपका ध्यान आकर्षित करेंगे। इनकम भी आज मजबूत रहेगी, जिससे सेहत से संबंधित कोई खर्चा कर सकते हैं। काम के सिलसिले में आज आप बहुत बिजी रहेंगे। अपने अधिकारियों से और वरिष्ठ कर्मचारियों से किसी खास असाइनमेंट को लेकर आप चर्चा करेंगे और उससे आप की कार्य क्षमता का पता लगेगा। आज आपके मन में देश के लिए कुछ करने की इच्छा जागेगी।


मकर 


आज आपके मन में आध्यात्मिक रूप से विरोधाभास की स्थिति रहेगी। आपका मन करेगा कि आप ईश्वरीय सत्ता को स्वीकारें लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी होंगी, जिन्हें आप नजरअंदाज नहीं कर पाएंगे। मानसिक तनाव आपको परेशान करेगा। इससे बाहर निकलकर सही यथार्थ को देखने की कोशिश करें। निजी जीवन बेहद शांतिपूर्ण रहेगा और आज का दिन रोज की तरह ही व्यतीत होगा लेकिन काम की जगह पर आज आप एक अलग कलेवर में नजर आएंगे। आप पूरी तैयारी से अपने काम को संपन्न करेंगे और कॉन्फिडेंट भी नजर आएंगे।


कुंभ


बिजनेस से उत्तम लाभ मिलने का दिन है। सेहत को लेकर किए गए प्रयास सफल होंगे और सेहत में सुधार नजर आएगा लेकिन किसी भी तरह की लापरवाही करना नुकसानदायक रहेगा। आज आपकी इनकम अच्छी रहेगी। घर में कोई मांगलिक कार्यक्रम को लेकर गहमागहमी हो सकती है। दांपत्य सुख प्राप्त होने से गृहस्थ जीवन में खुशी रहेगी जबकि प्रेम जीवन बिता रहे लोग आज अपने प्रिय से अपने पारिवारिक जीवन की चर्चा करेंगे।


मीन 


जहां आप काम करते हैं, आज वहां आपकी पूछ होगी। लोग आपका नाम लेंगे और उनकी चर्चा के केंद्र बिंदु में आप होंगे। आपको आज कोई विशेष प्रोत्साहन मिल सकता है। काम के लिए दिनमान बेहद अच्छा है। अपने काम पर ध्यान देकर आपने एक अच्छी जगह बनाई है। धन के इन्वेस्टमेंट के लिए आज का दिन अच्छा है लेकिन अपना पैसा किसी को उधार ना दें, नहीं तो दिक्कत आ सकती है। गृहस्थ जीवन तनावपूर्ण रहेगा जबकि प्रेम जीवन से आप अच्छे की आशा कर सकते हैं।। जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं। अंक ज्योतिष के अनुसार आपका मूलांक तीन आता है। यह बृहस्पति का प्रतिनिधि अंक है। ऐसे व्यक्ति निष्कपट, दयालु एवं उच्च तार्किक क्षमता वाले होते हैं। अनुशासनप्रिय होने के कारण कभी-कभी आप तानाशाह भी बन जाते हैं।


 


 


आप दार्शनिक स्वभाव के होने के बावजूद एक विशेष प्रकार की स्फूर्ति रखते हैं। आपकी शिक्षा के क्षेत्र में पकड़ मजबूत होगी। आप एक सामाजिक प्राणी हैं। आप सदैव परिपूर्णता या कहें कि परफेक्शन की तलाश में रहते हैं यही वजह है कि अक्सर अव्यवस्थाओं के कारण तनाव में रहते हैं। 


 


 


 


शुभ दिनांक : 3, 12, 21, 30


 


शुभ अंक : 1, 3, 6, 7, 9


 


 


शुभ वर्ष : 2028, 2030, 2031, 2034, 2043, 2049, 2052


 


ईष्टदेव : देवी सरस्वती, देवगुरु बृहस्पति, भगवान विष्णु 


 


शुभ रंग : पीला, सुनहरा और गुलाबी 


 


कैसा रहेगा यह वर्ष


यह वर्ष आपके लिए अत्यंत सुखद है। किसी विशेष परीक्षा में सफलता मिल सकती है। नौकरीपेशा के लिए प्रतिभा के बल पर उत्तम सफलता का है। नवीन व्यापार की योजना भी बन सकती है। दांपत्य जीवन में सुखद स्थिति रहेगी। घर या परिवार में शुभ कार्य होंगे। मित्र वर्ग का सहयोग सुखद रहेगा। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे। महत्वपूर्ण कार्य से यात्रा के योग भी है।


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