लखनऊ । प्रदेश में बड़े पैमाने पर तबादले की तैयारी चल रही है। इसमें ऐसे अधिकारियों पर गाज गिरने की तैयारी है जिनके खिलाफ शिकायतों का अंबार है। साथ ही शासन स्तर या फिर निदेशालय स्तर पर दोहरा चार्ज भी हटाने की तैयारी है।
सरकार चाहती है कि बड़े विभागों वाले अधिकारियों के पास किसी दूसरे बड़े विभाग का अतिरिक्त प्रभार न हो। इससे कामों पर असर पड़ता है और समय से काम में भी बाधा आती है। अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के कई अधिकारियों के पास इस समय दोहरा चार्ज है।
दोहरा चार्ज वाले अधिकारियों में
आलोक सिन्हा एपीसी के साथ वाणिज्य कर का अतिरिक्त प्रभार रेणुका कुमार एसीएस राजस्व विभाग के साथ बेसिक शिक्षामनोज कुमार सिंह एसीएस ग्राम विकास विभाग के साथ पंचायती राज विभागदीपक कुमार प्रमुख सचिव आवास के साथ नगर विकास विभागजितेंद्र कुमार भाषा के साथ संस्कृति, राष्ट्रीय एकीकरण, पर्यटनअनुराग श्रीवास्तव नमामि गंगे, ग्रामीण जल संसाधन के साथ लघु सिंचाई, भूजल का काम देख रहे हैं।
डीएम बनने के लिए आईएएस अफसरों को काम करने के साथ सक्रियता और ईमानदारी दिखानी होगी । सरकारी योजनाओं का लाभ पात्रों को अनिवार्य रूप से देना होगा। शिकायतों का सही तरीके से निस्तारित करना होगा, झूठी सूचना देना भारी पड़ेगा।
राज्य सरकार प्रदेशवासियों को योजनाओं का लाभ देने और उन्हें समय से न्याय दिलाने को डीएम की तैनाती के लिए परफार्मेंस को आधार बनाने पर जोर देने जा रही है। सरकार चाहती है कि प्रदेश की जनता के साथ किसी तरह का कोई अन्याय न हो। इसके लिए सबसे जरूरी है कि योग्य और साफ छवि वाले आईएएस अफसरों की डीएम के पद पर तैनाती की जाए। सूत्रों का कहना है कि उच्च स्तर से निर्देश दिया गया है कि जिलों में साफ छवि वाले आईएएस अफसरों को ही डीएम बनाया जाए। इसके साथ ही किसी डीएम को हटाने से पहले उसका परफार्मेंस रिकार्ड देखा जाए। मसलन जिले में रहने के दौरान उसने लोकहित में कितना काम किए हैं। प्रत्येक आईएएस अफसर का परफार्मेंस रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाए, जिससे तैनाती के समय इसको आधार बनाया जाए।
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